नई दिल्ली. यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच जब सितंबर में खुली तकरार शुरू हुई थी, तब खुद अखिलेश यादव ने कहा था कि परिवार में कोई झगड़ा नहीं है, जो कुछ है, वो सरकार को लेकर है. लेकिन, अब अखिलेश यादव के ही एक करीबी एमएलसी ने मुलायम सिंह यादव को खुला पत्र लिखकर दावा कर दिया है कि ये झगड़ा परिवार का है, विरासत का है, जिसमें अखिलेश यादव को उनके चाचा शिवपाल और सौतेली मां साधना गुप्ता यादव ने उलझाया है.
नेताजी के नाम खुला पत्र लिखने वाले एमएलसी का नाम है उदयवीर सिंह, जिन्हें समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनते ही शिवपाल यादव ने पार्टी से बाहर निकाल दिया था. उदयवीर सिंह ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव के खिलाफ उनकी सौतेली मां और शिवपाल ने उसी दिन से साज़िश रची, जिस दिन अखिलेश यादव को यूपी का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला हुआ.
शिवपाल यादव ने खुलेआम अखिलेश यादव का मज़ाक उड़ाया. समय के साथ मुलायम की पत्नी यानी अखिलेश यादव की सौतेली मां, उनके पुत्र-पुत्रवधू, उनके रिश्तेदार, मौकापरस्त नेता और ठेकेदार भी शिवपाल के साथ जुड़ते गए. एमएलसी उदयवीर सिंह का आरोप है कि मुलायम सिंह यादव ने भी इन लोगों के दबाव में आकर मुख्यमंत्री जी को अपमानित किया. इस सनसनीखेज़ पत्र में वो तमाम बातें लिखी हैं, जो अब तक यूपी के राजनीतिक गलियारों में दबी जुबान कही जा रही थीं.
इस पत्र से साफ हो जाता है कि अखिलेश यादव के समर्थक अब खुलकर बग़ावत की तैयारी कर चुके हैं. खुद अखिलेश यादव के तेवर भी कुछ ऐसे ही दिख रहे हैं. आज लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में शिवपाल ने पार्टी के बड़े नेताओं और जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई थी, जिसमें अखिलेश यादव नहीं गए.
वो 5 नवंबर को होने वाले पार्टी के सिल्वर जुबली समारोह से भी दूर रहने का इशारा कर चुके हैं और मुलायम सिंह यादव को खुली चिट्ठी लिखकर बता चुके हैं कि वो 3 नवंबर से विकास रथ यात्रा पर रवाना होने वाले हैं. अब ये सवाल यूपी की राजनीति में गरमा गया है कि क्या परिवार के झगड़े में समाजवादी पार्टी टूटने वाली है ?
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