नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में बढ़ते कूड़े के अंबार की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की सरकार को जमकर फटकार लगाई है. कूड़े की समस्या को चिंताजनक करार देते हुए कोर्ट ने केजरीवाल सरकार समेत सभी संबंधित विभागों को आदेश दिया कि वे कूड़े के समय पर निस्तारण से जुड़ी योजना तैयार करें.
‘साफ-सफाई विधायकों का काम नहीं’
कोर्ट ने आप सरकार की उस दायर याचिका पर भी आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार के विधायकों को साफ-सफाई के अभियान से अलग रखा जाए क्योंकि यह उनका नहीं स्थानीय निकायों का काम है.
दिल्ली सरकार को SC ने घेरा
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा बुली (दबंग) वो इंसान होता जो हर समस्या के लिए दूसरे इंसान को जिम्मेदार ठहराता है. अब ये न कहें कि शहर को साफ रखने में हमारे विधायकों की कोई जिम्मेदारी नहीं है. आपके पास इतने विधायक हैं. आपको उन लोगों को कहना चाहिए कि वे अपने शहर में साफ-सफाई रखने के लिए जनता में जागरूकता फैलाएं. कोर्ट ने कहा कि कूड़े के 45 मीटर ऊंचे अंबार लगना कितनी बड़ी खतरे की घंटी है.
सैलरी बढ़ाने की बजाए कूड़ा हटवाने पर दें ध्यान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इलाके के विधायक क्या कर रहे हैं? साथ में कोर्ट ने यह भी कहा कि आप विधायक सैलरी बढ़ाने की बजाए कूड़ा हटवाने पर ज्यादा ध्यान दें. बता दें कि 17 अगस्त को भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कूड़े का सही से सेटलमेंट नहीं होने की वजह से कितने लोग मर रहे हैं. कोर्ट ने देश की राजधानी में खुली जगह पर लगते कूड़े के लंबे ढेरों पर चिंता जताई थी.
चिकनगुनिया-डेंगू पर अधिकारियों पर लगाई फटकार
इससे पहले 6 अगस्त को भी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में चिकनगुनिया और डेंगू जैसी बीमारियों से सही तरह से न निपटने को लेकर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने इन बीमारियों से निपटने के मुद्दे पर पांच अक्टूबर को हुई एलजी नजीब जंग, सीएम केजरीवाल और अन्य अधिकारियों की बैठक के नतीजों पर भी अच्छी-खासी निराशा जताई थी. कोर्ट ने उन्हें 6 अगस्त को दोबारा मीटिंग करने का आदेश दिया था.