लखनऊ. उत्तर प्रदेश में चुनाव में किसी करिश्मे की उम्मीद कर 27 साल बाद सत्ता में वापसी के ख्वाब देख रही कांग्रेस की हालत ठीक होती नजर नहीं आ रही है. बीते गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्य में सबसे मुखर महिला नेता रहीं रीता बहुगुणा जोशी ने भी बीजेपी का दामन […]
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में चुनाव में किसी करिश्मे की उम्मीद कर 27 साल बाद सत्ता में वापसी के ख्वाब देख रही कांग्रेस की हालत ठीक होती नजर नहीं आ रही है.
बीते गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्य में सबसे मुखर महिला नेता रहीं रीता बहुगुणा जोशी ने भी बीजेपी का दामन लिया.
कई बार टीवी डिबेट और मीडिया में बीजेपी के धज्जियां उड़ा चुकीं रीता ने पार्टी छोड़ते ही राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के पर कांग्रेस उपाध्यक्ष के बयान ‘खून की दलाली’ से उन्हें काफी दुख पहुंचा है.
वहीं विधानसभा चुनाव में हर चुनावी रणनीति प्रशांत किशोर के सौंपे जाने पर रीता ने कहा कि कांग्रेस को अब ठेके पर दे दिया गया है.
माना जा रहा है कि ब्राह्णण चेहरे के नाम पर शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने से रीता बहुगुणा नाराज हो थीं. उनसे जुड़े लोगों का कहना है कि रीता बहुगुणा खुद भी ब्राह्णण हैं और वह उत्तर प्रदेश राजनीति की जाना-पहचाना चेहरा हैं. लेकिन उनको इस बार टिकट देने से भी मना कर दिया गया.
आपको बता दें कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और रीता के भाई विजय बहुगुणा भी कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
2014 का लोकसभा चुनाव हारने वाली कांग्रेस से अब तक बड़े नेता दूसरी पार्टियों में जा चुके हैं. वहीं विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को हर रोज नए झटके लग रहे हैं.
कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेता
दिलनवाज खान- बसपा
मोहम्मद मुस्लिम- बसपा
काजिम अली- बसपा
विजय दूबे- भाजपा
संजय जायसवाल- भाजपा
मधुरी वर्मा- भाजपा
मुकेश श्रीवास्तव- सपा
प्रदीप चौधरी- भाजपा
रीता बहुगुणा जोशी- भाजपा