नई दिल्ली. जीएसटी परिषद की बैठक में इसकी दरों पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. हालांकि सरकार की कोशिश है कि इसको एक अप्रैल 2017 से देश में लागू कर दिया जाए. जीएसटी लागू करने के लिए सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों की सलाह जरूरी है.
केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में तीन दिन तक चली बैठक में इसकी दरों पर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है. माना जा रहा है कि अब 3 और 4 नवंबर को होनी वाली बैठक में इसको लेकर कोई फैसला किया जा सकता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित होने वाला है क्यों कि इस देश करों के मकड़जाल से बाहर जा जाएगा और पूरे देश एकल बाजार प्रणाली पर काम करेगा. हालांकि कुछ लोगों को कहना है कि इसके लागू हो जाने के बाद से जरूरी चीजों के दामों में बढ़ोत्तरी हो जाएगी और आम जनता को एक बार फिर से महंगाई का सामना करना पड़ेगा.
फिलहाल किन चीजों पर कितना टैक्स लगेगा अभी तक तय नहीं हो पाया है. इससे संबंधित अधिकारियों की एक टीम वित्त मंत्री अरूण जेटली को एक रिपोर्ट सौंपेंगी इसके बाद अगली बैठक में ही इस पर कोई फैसला हो पाएगा. वहीं वित्त मंत्री जेटली का कहना है कि टैक्स तय करते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि महंगाई न बढ़ने पाए और राज्यों के राजस्व मे नुकसान भी न हो.
किन चीजों के बढ़ सकते हैं दाम
जीएसटी लागू होने के बाद चिकन, सरसों का तेल, मूंगफली का तेल, नारियल तेल, काजू, हल्दी, धनिया, जीरा, बेसन, चने से बने उत्पाद, मच्छर मारने की स्प्रे
क्या हो सकता है सस्ता
घी, मक्खन, खजूर, किशमिश, मोमबत्ती, ऑटो रिक्शा का किराया, चाय, करी, पाउडर, सूटकेश, शेविंग का सामान, रेडियो, टीवी, वाशिंग मशीन, इलेक्ट्रिक सामान कारें
इन चीजों के दाम नहीं बढ़ेंगे
बिस्कुट, चाकलेट, चिप्स, कांच का सामान, ताले, कैमरा, वीसीआर, लाइट