गुरुवार को सामाजिक और अधिकारिता मंत्रालय के वकील कौशल कुमार ने बेंच को बताया कि इस मसौदे को तैयार करने में कई लोगों, मंत्रालयों और विभागों की राय ली गई है. इसके बाद इस मसले पर हुई बैठक में केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि गरीबों को सुरक्षा, आवास, खाना और स्किल बढ़ाने जैसे बिंदु इस विधेयक में होनी चाहिए.
वहीं भीख मांगने को गैर-कानूनी मानने वाली बात सरकारी वकील ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई कानून नहीं हैं लेकिन ऐसे मामलों में बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट 1959 का पालन किया जाता रहा है. जिसके हिसाब से भीख मांगना गैर-कानूनी है.
इसके बाद बेंच ने वकील से अगली सुनवाई में ड्रॉफ्ट की कॉपी को लेकर आने के लिए कहा है इसके बाद ही इस बारे में उचित निर्देश जारी करने का फैसला किया है.
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