नई दिल्ली. विसलब्लोअर अमेरिकी शख्स सी एडमंड्स एलन ने आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा के खिलाफ जांच में एक सनसनीखेज दावा किया है. एलन ने प्राइम मिनिस्टर ऑफिस (PMO) को लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद वरुण गांधी को फांसने के लिए हनीट्रैप का इस्तेमाल किया गया.
वरूण गांधी को ब्लैकमेल कर रहे हैं वर्मा
PMO को 16 सितंबर को भेजे गए इस लेटर में एलन ने आरोप लगाया कि अभिषेक वर्मा वरूण गांधी को ब्लैकमेल कर रहे हैं. एलन ने आरोप लगाया है कि वरुण गांधी ने विदेशी एस्कॉर्ट महिलाओं और वेश्याओं के साथ खिंचीं उनकी तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल किए जाने पर आर्म्स डीलर को रक्षा मामलों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं. एलन ने अपनी बात को सही बताने के लिए दर्जनों तस्वीरें और सीडी भी PMO को भेजी हैं. एलन का कहना है कि विवादास्पद हथियार डीलर अभिषेक वर्मा ने वरुण गांधी को अच्छे से इस्तेमाल किया, ताकि वरुण भारत सरकार से सौदे हासिल करने में जुटे हथियार निर्माताओं को रक्षा संबंधी जानकारी दे सकें.
एलेन ने भारतीय अधिकारियों के दिए कई डॉक्यूमेंट
साल 2012 में एक दूसरे से अलग हो जाने से पहले तक अभिषेक वर्मा और एलेन व्यापारिक साझीदार रहे हैं. उन्होंने साल 2012 में भारतीय अधिकारियों के साथ ऐसे कई सैकड़ों डॉक्यूमेंट शेयर किए, जिसकी वजह से अभिषेक के खिलाफ ऐसे कई मामले दर्ज हो पाएं. इनमें रक्षा मंत्रालय से जुड़े सीक्रेट डॉक्यूमेंट लीक होने का मामला भी शामिल है. एलन के मुताबिक, उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को इसलिए लेटर लिखा क्योंकि वह इस देश के ‘मैन ऑफ एक्शन’ हैं.
वरुण गांधी ने आरोपों को बताया हास्यस्पद
वहीं वरुण गांधी ने कहा कि ये आरोप हास्यास्पद हैं इसलिए वे इस पर कोई कमेंट नहीं करेंगे. एलन ने ईटी को बताया कि वह इस मामले में जांच चाहते हैं. वरुण गांधी ने कहा है कि एडमंड एलन ने मेरे खिलाफ जो भी आरोप लगाए हैं लेकिन उसे लेकर कोई सबूत साझा नहीं किए. मैं संसद की डिफेंस कमेटी का सदस्य हूं. इस कमेटी के सदस्य के तौर पर मेरी किसी भी संवेदनशील जानकारी तक पहुंच नहीं रही.
डिफेंस कंसलटेटिव कमिटी के सदस्य नहीं रहे हैं गांधी
बता दें कि वरुण गांधी अब डिफेंस कंसलटेटिव कमिटी के सदस्य नहीं रहे हैं. बीजेपी के सीनियर नेताओं का कहना है कि सीक्रेट डॉक्यूमेंट या जानकारी को आम तौर पर संसदीय कमिटी के सदस्यों के साथ साझा नहीं किया जाता. एलन की ओर से इस लेटर की एक कॉपी नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर और डिफेंस मिनिस्टर को भी भेजी गई है.