नई दिल्ली. रेलवे ने टिकटों की कालाबाजारी और टीटीई की मनमानी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है. 20 अक्टूबर से लागू हो रहे इस नए नियम के मुताबिक अगर ट्रेन में सीटें खाली हैं तो वह अगल स्टेशन के वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को आबंटित कर दी जाएंगी. टीटीई अब इन टिकटों को खुद से किसी नहीं दे पाएंगे.
अभी तक पाया जाता रहा है कि टीटीई को खाली सीटों की जानकारी होती थी और वह ट्रेन के अंदर ही यात्रियों से पैसे ऐंठ कर उन सीटों को दे देता है. कई बार तो 500 रुपए के किराए वाली सीट के लिए त्योहारों में 2 से 3 हजार तक के रुपए लिए जाते हैं.
रेलवे में यह भ्रष्टाचार खुलेआम होता है और अधिकारी भी इसके आगे लाचार नजर आ जाते हैं. लेकिन अब इस नए नियम के लागू हो जाने से फायदा यह होगा कि यात्रियों को उनकी वेटिंग के हिसाब से खुद ही सीट मिल जाएगी.
मतलब अगर ट्रेन दिल्ली से चलती है और चार्ट चेक होने के बाद 10 सीटें खाली रह जाती हैं तो अगला स्टेशन यानी गाजियाबाद के यात्रियों के लिए वह सीटें अपने आप अलॉट हो जाएंगी. ये प्रक्रिया तब तक चलती रहेगी जब तक सारी सीटें फुल नहीं हो जाती हैं.
फिलहाल यह नियम अभी सिर्फ 30 ट्रेनों के लिए ही शुरू हुआ है. उम्मीद की जा रही है कि रेलवे इसे जल्द ही सभी ट्रेनों के लिए लागू कर देगा. जिससे यह भ्रष्टाचार खासकर त्योहारों के समय जिस तरह से यात्रियों का शोषण किया जाता है उस पर रोक लगाई जा सके.