दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच जारी अधिकारों की लड़ाई थमती नज़र नहीं आ रही है. एसीबी में एलजी की ओर से ज्वाइंट सीपी नियुक्त गए मुकेश मीणा एसीबी के ऑफिस विकास भवन पहुंच रहे हैं. मीणा ने एसीबी के अधिकारियों से विस्तार से बैठक ली है. मीणा ने स्पष्ट कर दिया है कि वे उपराज्यपाल के प्रति उत्तरदायी हैं और सिर्फ उनका ही आदेश मानेंगे. उनका कहना है कि विजिलेंस की बात का कोई मतलब नहीं है.
नई दिल्ली. दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच जारी अधिकारों की लड़ाई थमती नज़र नहीं आ रही है. एसीबी में एलजी की ओर से ज्वाइंट सीपी नियुक्त गए मुकेश मीणा एसीबी के ऑफिस विकास भवन पहुंच रहे हैं. मीणा ने एसीबी के अधिकारियों से विस्तार से बैठक ली है. मीणा ने स्पष्ट कर दिया है कि वे उपराज्यपाल के प्रति उत्तरदायी हैं और सिर्फ उनका ही आदेश मानेंगे. उनका कहना है कि विजिलेंस की बात का कोई मतलब नहीं है.
इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल और केंद्र सरकार के साथ खुलकर दो-दो हाथ करने का मन बना चुकी केजरीवाल सरकार ने मुकेश मीणा को एसीबी में ज्वाइंट सीपी पद भार संभालने से रोक दिया है. मीणा की नियुक्ति उपराज्यपाल नजीब जंग ने की थी. केजरीवाल सरकार ने मुकेश मीणा को चिट्ठी लिखकर इस बारे में जानकारी दी है. चिट्ठी में कहा गया है कि एसीबी में ज्वाइंट सीपी का कोई पोस्ट नहीं है. इसके साथ ही विजिलेंस सचिव ने भी मीणा को पत्र लिखकर इस तरह के किसी पोस्ट से इनकार किया है. इन सब परिस्थितियों में अब मुकेश मीणा एसीबी में ज्वाइंट सीपी के पद पर ज्वाइन नहीं कर सकते.
IANS से भी इनपुट