नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद पार्श्वनाथ एक्सोटिका मामले में पार्श्वनाथ बिल्डर को बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पार्श्वनाथ बिल्डर को 10 दिसंबर से पहले 10 करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिया है. कोर्ट ने 70 खरीदारों को कहा वो कोर्ट को दस्तावेजों की वेरिफिकेशन करा कर अपने पैसे कोर्ट की रजिस्ट्री से ले सकते है. मामले की अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी.
इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान पार्श्वनाथ बिल्डर ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने पिछले आदेश के मुताबिक 12 करोड़ रुपये कोर्ट में जमा करा दिए है. खरीदारों के मुताबिक 2007 में फ्लैट बुक कराए थे और 2012 में ये फ्लैट बन जाने थे. लेकिन वहां पर अब तक निर्माण पूरा नहीं हुआ, अब खरीदारों को रुपये वापस चाहिए.
बता दें कि इससे पहले 15 सितंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पार्श्वनाथ डिवेलपर्स पर काफी सख्ती दिखाई थी. कोर्ट ने पार्श्वनाथ डिवेलपर्स को चार हफ्ते के अंदर कोर्ट रजिस्ट्री में 12 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया था.
मामला कंपनी के गाजियाबाद के इग्जॉटिका प्रॉजेक्ट से जुड़ा है. गाजियाबाद डिवेलपमेंट अथॉर्टी ने निर्माण की संशोधित योजना को खारिज कर दिया था, इसी कारण से प्रॉजेक्ट तय समय में पूरा नहीं हो पाया. पहले की एक सुनवाई में पार्श्वनाथ डिवेलपर ने कोर्ट को बताया था कि इस प्रॉजेक्ट को पूरा करने में एक साल और लगेगा.
मई में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग (एनसीडीआरसी) ने पार्श्वनाथ से 70 फ्लैट बायर्स के पैसे चार हफ्ते के अंदर 12 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया था. कनज्यूमर कमीशन के इस फैसले के खिलाफ पार्श्वनाथ डिवेलपर्स ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. इसी अपील पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीडीआरसी के आदेश पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया और डिवेलपर को कोर्ट में पैसा जमा करने का आदेश दिया.