नई दिल्ली. भारतीय सेना का 40 साल पुराना सपना आखिरकार पूरा हो गया है.
इनखबर/इंडिया न्यूज को मिली एक्सक्लूसिव भारतीय नेवी में स्वदेशी तकनीकी से बनी परमाणु पनडुब्बी अरिहंत को शामिल कर लिया गया है. इसके साथ ही भारत उन महाशक्तियों के समूह में शामिल हो गया है जो जमीन, आकाश और पानी के भीतर से परमाणु हमला कर सकते है.
भारत से पहले सिर्फ महाशक्तियों अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस और चीन के पास ही ऐसी क्षमता थी. लेकिन अब भारत दुनिया का ऐसा छठा देश बन गया है.
इस परमाणु पनडुब्बी को नेवी में शामिल करने के लिए काफी दिनों से इंतजार किया जा रहा था. इस सफलता के साथ ही भारत ऐसी क्षमता हासिल करने वाला पहला देश है जो संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में शामिल नहीं है.
इसके साथ ही सामारिक श्रेत्र में भारत की ताकत भी पहले की तुलना में काफी बढ़ गई है. इस परमाणु पनडुब्बी से यह फायदा है कि जरूरत पड़ने पर परमाणु मिसाइलों को यहां से लॉन्च किया जा सकता है.
वहीं इसके इस्तेमाल करने का अंतिम अधिकार प्रधानमंत्री के पास होगा. इस परमाणु पनडुब्बी की खास बात यह है कि इससे लंबी और कम दूरी की भी मिसाइलों को भी लॉ़न्च किया जा सकता है.
आपको बता दें कि इस परमाणु पनडुब्बी से भारतीय नौसेना पहले से और ज्यादा मजबूत हो गई है. वहीं इसको बनाने में पूरी तरह स्वदेशी तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है. यह अपने में आप में भारत के लिए बड़ी बात है.
माना जा रहा है कि दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातक देशों में शामिल भारत अब धीरे-धीरे खुद पर निर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. अभी तक भारत हमेशा बाहर से ही पनडुब्बियां खरीदता रहा है.
गौरतलब है कि इस समय पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारत ने सामारिक क्षेत्र में हर तरह से खुद को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रहा है.
ब्रिक्स सम्मेलन से पहले ही रूस के साथ कई समझौते हैं जिसमें रूस भारत को उच्च तकनीकी वाले डिफेंस सिस्टम देने पर राजी हो गया है. इसके अलावा फाइटर प्लेन को भी भारत में बनाने की बात पर सहमति हुई है.