नई दिल्ली. बिहार के सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है. कोर्ट ने सीवान के सेशन जज को कहा है कि वो सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर बताएं कि शहाबुद्दीन और तेज प्रताप को समारोह में बुके देने वाले फोटो के वक्त आरोपी मोहम्मद कैफ और मोहम्मद जावेद के खिलाफ क्या भगौडा घोषित किया गया था. गैर जमानती वारंट जारी किया गया था या कोई और कारवाई की गई थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीन अहम आदेश जारी किए हैं. मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी.
1- कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई तीन महीने के भीतर जांच पूरी करें
2- सीवान के सेशन जज सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर बताएं कि शहाबुद्दीन और तेज प्रताप को समारोह में बुके देने वाले फोटो के वक्त आरोपी मोहम्मद कैफ और मोहम्मद जावेद के खिलाफ क्या भगौडा घोषित किया गया था, या गैर जमानती वारंट जारी किया गया था या कोई और कारवाई की गई थी.
3- सीबीआई इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
केस के छह आरोपी फिलहाल जमानत नहीं पा सकेंगे भले ही चार्जशीट दाखिल हो गई हो.
सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने शहाबुद्दीन और तेज प्रताप का बचाव करते हुए कहा कि जब आरोपी की फोटो दोनों के साथ आई तब आरोपी के खिलाफ कोई गैर जमानती वारंट नहीं हुआ था.
वहीं तेजप्रताप और शाहबुद्दीन ने कहा है कि वो एक पब्लिक समारोह में आरोपियों से मिले थे और वो अचानक था. वैसे भी उस वक्त उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट नहीं हुए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के वकील से पूछा कि मामले में किस धारा के तहत चार्जशीट हुई तो वो बता नहीं पाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हम केस को दिल्ली ट्रांसफर कर देंगे.