नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने
इनखबर/इंडिया न्यूज से खास बातचीत में कहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक या किसी भी युद्ध से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ विवाद का निपटारा सिर्फ बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है.
पूर्व सीएम ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी हमारे जवान लगातार मारे जा रहे हैं. राज्य में आतंकवाद सालों से चल रहा है जिसको रोकने के लिए बातचीत ही एक रास्ता है. फारुख अब्दुल्ला ने कश्मीर के मसले पर मोदी सरकार की नीति पर सीधे कुछ न कहते हुए सवाल जरूर उठाए हैं.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आज भी आतंकवादियों के कैंप चल रहे हैं. कश्मीर के मुद्दे पर वाजपेयी सरकार की याद करते हुए कहा कि कारगिल के बाद भी उनकी सरकार ने परवेज मुशर्रफ से बातचीत की थी.
वहीं पाकिस्तान के साथ युद्ध के हालात पर नेशनल कांफ्रेस के बुजुर्ग नेता ने कहा कि दोनों देशों के पास खतरनाक हथियार हैं. युद्ध से पाकिस्तान के साथ हम नहीं जीत सकते. उसमें बर्बादी के सिवाए कुछ हासिल नहीं होगा. 70 सालों में हमने जो तरक्की की है,वह सब खत्म हो जाएगी.
जम्मू-कश्मीर के अभी के हालात का जिक्र करते हुए फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि हमें पहले अपना घर दुरुस्त करना चाहिए. वहीं जब उनसे सर्जिकल स्ट्राइक पर हो रही राजनीति के बारे में पूछा गया तो उन्होनें कहा कि इसके बारे में तो सिर्फ प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ही बता सकते हैं. मुझसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.
हुर्रियत के मसले भी उनका कहना था कि केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर में सबसे बातचीत करनी चाहिए. हुर्रियत को भी इसमें शामिल करना चाहिए. इसके अलावा इस मसले को निपटाने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है.
वहीं राहुल गांधी के खून की दलाली वाले बयान पर उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मैं ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते हैं और उन्होंने (राहुल गांधी) ने क्यों और किसके बारे में कहा इसकी जानकारी नहीं है.