श्रीनगर. कश्मीर घाटी में लगातार 100वें दिन भी हिंसा का दौर जारी है. आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा और बंद से अब तक लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त है. घाटी में रविवार को बंद के 100 दिन पूरे हो गए. हालांकि, रविवार को बंद ने आम जीवन को ज्यादा प्रभावित नहीं किया.
ये बंद सिर्फ सार्वजनिक वाहनों और दुकानों तक ही रहा. कहीं पर कर्फ्यू या प्रशासनिक पाबंदी नहीं थी. हालांकि, कई जगह अलगाववादी समर्थकों और पुलिस के बीच झड़पें भी हुईं. इस झड़प में आठ लोग घायल हो गए.
इसके अलावा पुलिस ने घाटी में स्थिति सामान्य रहने को दावा किया है और 62 असामाजिक तत्वों को पकड़ने की पुष्टि की है. अलगाववादी खेमे ने रविवार को भी कश्मीर बंद का आह्वान किया था. शाम पांच बजे के बाद ही बंद में राहत देने की घोषणा की गई थी.
बंद नहीं दिखा असर
लेकिन, कहीं भी पहले की तरह बंद का खास असर नजर नहीं आया. रविवार की छुट्टी होने के कारण बंद के कारण दुकानों पर लगे तालों से कोई प्रभाव नहीं पड़ा. सड़कों पर निजी वाहनों की और लोगों की आवाजाही कहीं ज्यादा थी. इस बीच, सोनवार में कुछ लोगों ने एक इमाम रियाज अहमद की गिरफ्तारी के खिलाफ आजादी समर्थक नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला. उन्होंने आम लोगों और वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए सड़क पर अवरोधक लगाए और टायर भी जलाए.
पुलिस ने जब सड़क पर लगे अवरोधकों को हटाने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी हिंसक हो उठे. उन पर काबू पाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया. वहीं, श्रीनगर-बारामुला राजमार्ग पर लावेपोरा के पास बंद समर्थकों ने वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए कई वाहन चालकों को पीटा और वाहन तोड़े. सूचना मिलने पर जब पुलिस वहां पहुंची तो उन पर भी पथराव किया गया. इसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा.