नई दिल्ली. श्रीनगर के जकूरा में शुक्रवार को हुए सीआरपीएफ कैंप के पास आतंकी हमले में जिसमें एसएसबी के दो जवान शहीद हो गए, तो वहीं 7 जवानों के घायल होने की खबर है. एसएसबी टीम जब ड्यूटी से लौट रही थी उस वक्त यह हमला हुआ. बता दें कि इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन अल-उमर-मुजाहिदीन ने ली है. इस संगठन का मुखिया आतंकी मुश्ताक अहमद जरगर है. आतंकी मसूद अजहर का करीबी जरगर 1999 में कंधार हाईजैक कांड में रिहा हुआ था.
कुख्यात आतंकवादी मुश्ताक अहमद जरगर को पहली बार 1992 में गिरफ्तार किया गया था. दरअसल 12 अगस्त 1989 में जरगर ने भारत के पूर्व गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद को किडनैप कर लिया था. उसे रिहा करने के बदले अजगर ने पांच आतंकवादियों को रिहा करने की मांग की थी. जिसे सरकार ने मान लिया था. आतंकी मुश्ताक ने श्रीनगर में ही कई हत्या की वारदातों को अंजाम दिया था. उसका शिकार बनने वालों में हाईरैंक के कई अधिकारी भी शामिल थे.
आतंकी अजगर 15 मई 1992 को सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ गया था. उसकी गिरफ्तारी के बाद उसका आतंकी संगठन अल-उमर-मुजाहिदीन खत्म हो गया था. लेकिन दिसंबर 1999 में आतंकवादियों ने भारतीय विमान (फ्लाइट 814) को अगवा कर लिया. विमान को हाईजैक कर उसे अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था.
भारत सरकार ने विमान को छुड़ाने के लिए 31 दिसंबर 1999 की रात मुश्ताक जरगर और मसूद अजहर के साथ को भी रिहा कर दिया. अजगर रिहा होने के बाद पाकिस्तान चला गया था. वहां रहकर भारत के खिलाफ वो लगातार साजिश रचने लगा. कश्मीर में लोगों को भारत के खिलाफ हमेशा भड़काता रहा. रिपोर्ट्स के अनुसार कश्मीरी पंडितों को यहां से भगाने में भी उसका हाथ था.
एक बार फिर जरगर का आतंकी संगठन करीब 20 साल बाद हरकत में आ गया है. श्रीनगर के पास जकूरा इलाके में शुक्रवार की रात सीआरपीएफ कैंप के पास आतंकी हमले की जिम्मेदारी जरगर के आतंकी संगठन अल-उमर-मुजाहिदीन ने ही ली है.