नई दिल्ली. देश में सोशल मीडिया पर चीनी आइटम के बायकॉट की अपील का असर अब जमीनी स्तर पर देखने को मिल रहा है. इस त्योहारी सीजन में पिछले 13 दिन में चाइनीज सामानों की मांग में 20 प्रतिशत तक की कमी आई है. ये दावा भारतीय कारोबारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया है.
सोशल मीडिया पर मुहिम का असर
भारत-पाकिस्तान के आपसी तनाव के बीच चीन के भारत विरोधी रवैये के बाद सोशल मीडिया पर चाइना मेड सामान नहीं खरीदने की अपील की जा रही है, जिसका असर भी देखने को मिल रहा है. कैट के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि दिवाली पर चाइनीज लाइटिंग जैसे सामान देशभर में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाते हैं. करीब तीन महीने पहले भारतीय बाजार ऐसे सामान से भर जाते हैं.
20 प्रतिशत की मांग में कमी
कैट के सेक्रेटरी ने बताया कि चाइना मेड सामान होलसेल सेलर्स तक पहुंच चुका है. लेकिन रिटेल सेलर्स की ओर से आने वाली मांग में 20 प्रतिशत की कमी देखी जा रही है. इन्हें डर है कि लोग वास्तव में यह माल खरीदेंगे या नहीं. उन्होंने कहा चीनी सामान के बायकॉट का असली असर नए साल और क्रिसमस पर दिखाई देगा. दिल्ली ट्रेड फेडरेशन के प्रेसिडेंट देवराज बवेजा के अनुसार बायकॉट की अपील के बाद यहां के काराबारियों ने चीनी सामान के 150 करोड़ रुपए के ज्यादा के ऑर्डर रद्द किए हैं.
चीन ने खबरों को नकारा
वहीं चीन का दावा है कि भारत में जारी मुहिम का असर बिक्री पर देखने को नहीं मिला है. चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीनी प्रोडक्ट्स की अक्टूबर के पहले हफ्ते में रिकॉर्ड बिक्री हुई है. इसके अनुसार, चीन की मोबाइल फोन कंपनी शियोमी ने भारतीय बाजार में फ्लिपकार्ट, अमेजन इंडिया, स्नैपडील और टाटा क्लिक जैसी कंपनियों की मौजूदगी के बावजूद अक्टूबर के पहले हफ्ते में सिर्फ 3 दिन में 5 लाख फोन्स बेचे हैं.
क्या है मामला
बता दें कि जब से चीन ने एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध किया है. भारत में चीनी वस्तुओं पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग जोरों पर है. इसके अलावा चीन सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से फिर पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है. इसलिए भी भारतीय चीन से बहुत नाराज हैं, और वे चीनी वस्तुओं का विरोध कर रहे हैं.