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…तो इसलिए गुजरात में 16 अक्टूबर को लगाया जा रहा था इंटरनेट पर बैन

गुजरात सरकार ने 16 अक्टूबर यानी रविवार को राज्य में इंटरनेट पर बैन लगाने का फैसला किया था. गुजरात में लगने वाला यह बैन चार घंटे के लिए ही लागू किया जाएगा. दरअसल, 16 अक्टूबर को राज्य में क्लर्क लेवल की परीक्षा होने जा रही है.

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  • October 14, 2016 2:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
अहमदाबाद. गुजरात सरकार ने 16 अक्टूबर यानी रविवार को राज्य में इंटरनेट पर बैन लगाने का फैसला किया था. गुजरात में लगने वाला यह बैन चार घंटे के लिए ही लागू किया जाएगा. दरअसल, 16 अक्टूबर को राज्य में क्लर्क लेवल की परीक्षा होने जा रही है. इस परीक्षा को बिना किसी परेशानी के संपन्न करने के लिए गुजरात सरकार ने परीक्षा के दौरान इंटरनेट पर बैन लगाने का फैसला किया था. हालांकि सरकार इस फैसले से पीछे हट गई है.
 
परिक्षा की वजह से लगाया जा रहा था बैन
गुजरात सबऑर्डिनेट सर्विस सलेक्शन बोर्ड (GSSSB) के चेयरमैन आसित वोरा ने शुक्रवार को बताया कि जिला अधिकारी से इस संबंध में बातचीत की गई थी और उनसे 16 अक्टूबर को होने वाली परीक्षा के दौरान मोबाइल इंटरनेट पर बैन लगाने की मांग की थी. 
 
सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक था इंटरनेट पर बैन
इस संबंध में गृह राज्य मंत्री प्रदीप्सिन जडेजा ने कहा है कि गृह राज्य मंत्रालय ने परीक्षा के दौरान मोबाइल इंटरनेट बैन न लगाने का फैसला किया है. उन्होंने आगे कहा कि राज्य में पहले की तरह मोबाइल इंटरनेट सर्विस पहले की तरह जारी रहेगी. हालांकि इससे पहले वोरा ने कहा था कि जिला अधिकारी को  सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक मोबाइल इंटरनेट पर बैन लगाने के निर्देश दिए गए थे. 
 
पेपर लीक होने की वजह से लिया फैसला
बता दें कि यह परीक्षा क्लास IV ऑफिस असिस्टेंट और नॉन सेकरटेरियल क्लर्क के पद के लिए होनी है. इन दिनों परीक्षा के दौरान अक्सर देखा गया है कि पेपर लीक होने की घटनाएं सामने आती हैं. इस तरह की स्थिति न आए इसलिए गुजरात सबऑर्डिनेट सर्विस सलेक्शन बोर्ड (GSSSB) ने राज्य सरकार से मोबाइल इंटरनेट पर बैन लगाने की मांग की थी, जिसे राज्य सरकार ने बाद में नामंजूर कर दिया.
 
AAP ने किया था विरोध
आम आदमी पार्टी ने इंटरनेट बंद किए जाने के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए विरोध जताया था. पार्टी ने इसे परीक्षा की आड़ में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सभा के ऑनलाइन प्रसारण को बाधित करने का राज्य सरकार का हिटलरी प्रयास करार दिया था.

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