नई दिल्ली. खुदरा महंगाई दर 13 महीने के सबसे निचले स्तर यानी 4.31 फीसदी तक आ गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह सब्जियों के दामों में कमी बताई जा रही है.
इससे पहले अगस्त में रिटेल इन्फ्लेशन की दर 5.05 फीसद थी. वहीं अगस्त 2015 में यह 3.74 प्रतिशत तक पहुंच गई थी. रिटेल महंगाई में इस कमी से उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है.
महंगाई के आंकड़ों पर ध्यान दें तो सितंबर के महीने में शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई दर 3.64 फीसद रही है. जबकि अगस्त महीने में 4.22 फीसद आंकी गई थी. वहीं गांवों में अगस्त के महीने में यह आंकड़ा 5.87 फीसद से घटकर 4.96 फीसद पर आ गया था.
आपको बता दें कि सरकार ने इस महंगाई दर को चार फीसद पर रखने का लक्ष्य रखा है. जिसमें दो फीसद का घटाव-बढ़ाव हो सकता है.इस लिहाज से अभी तक के जो आंकड़े आए हैं उससे लग रहा है कि सरकार अपने टारगेट के पास पहुंच रही है.
सरकार के लिए सबसे राहत वाली बात यह थी कि सब्जियों की महंगाई दर सितंबर के महीने में – 7.21 फीसद पर पहुंच गई है. जिसकी वजह से खुदरा महंगाई दर में काफी गिरावट दर्ज की गई थी. जबकि अगस्त में यह 1.02 फीसद रही थी.
दालों की कीमतों में भी कमी
दाल की कीमतों के मामले मे जूझ रही केंद्र सरकार को इस मामले में काफी राहत मिली है. अगस्त में दालों की महंगाई दर 22.01 प्रतिशत दर्ज की गई थी जो सितंबर के महीने में 14 फीसद आ गई. वहीं दूध की कीमतों में भी अगस्त के मुकाबले सितंबर के महीने में कमी दर्ज की गई थी.
खाने-पीने सहित कई चीजों के दाम हुए कम
सितंबर के महीने में खाने-पीने की चीजों के दामों में 3.88 फीसद, जूते और कपड़ों में 5.19 फीसद महंगाई दर दर्ज की गई है.
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
खुदरा महंगाई दर में कमी आने पर आरबीआई रेपो रेट की दर में कमी कर सकता है. जिसे बैंक ईएमआई और कर्ज की ब्याज दरों में कटौती करने की घोषणा कर सकते हैं. माना जा रहा है अगली मौद्रिक नीति की समीक्षा में इसका ऐलान किया जा सकता है.