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कॉमन सिविल कोड के विरोध में उतरा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, कहा- मोदी पूरे देश को एक ही लाठी से न हांके

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने यूनिफॉ़र्म सिविल कोड का साफ विरोध किया है. बोर्ड ने इस मामले में पीएम मोदी को भी जमकर कोसा.

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  • October 13, 2016 8:15 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने यूनिफॉ़र्म सिविल कोड का साफ विरोध किया है. बोर्ड ने इस मामले में पीएम मोदी को भी जमकर कोसा. साथ ही समझाते हुए कहा ‘सबके लिए समान कानून’ भारत के लिए अच्छा नहीं है. देश में कई तरह की संस्कृतियां हैं उनका सम्मान किया जाना चाहिए.
 
आपको बता दें कि इस मुद्दे पर दिल्ली में बोर्ड की ओर से बुलाई गई थी जिसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेट्री ने मौलाना मोहम्द वली ने कहा कि लॉ कमीशन ने कॉमन सिविल कोड पर पूरे देश से जवाब मांगा है. हमने भी उसकी ओर से पूछे गए सवालों को पढ़ा और महसूस किया कि आयोग केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहा है.
 
पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा, लॉ कमीशन के सवालनामे का बहिष्कार करेंगे मुसलमान
 
बोर्ड ने कहा कि ये धोखाधड़ी है. हम लॉ कमीशन के सवालनामे का बहिष्कार करेंगे. पूरे देश के मुसलमान इसका बहिष्कार करेंगे. आयोग की ओर से पूछे गए सवाल निष्पक्ष न होकर एकपक्षीय है.
 
बोर्ड की ओर से कहा गया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड इस मुल्क के लिए मुनासिब नहीं है. ये मुल्क गंगा जमुना तहजीब का है. संविधान हमें अपने धर्म के हिसाब से रहने की इजाजत देता है. अगर इससे छेड़छाड़ करते है तो संविधान के खिलाफ होगा.
 
 
वहीं लॉ कमीशन की मंशा की ओर से सवाल उठाते हुए कहा गया कि ये किसी एक सोच को तहत लागू किया जा रहा है. हर बात मे अमेरिका की दुहाई दी जाती है. लेकिन अमेरिका में सभी स्टेट में अलग अलग कानून है.
 
प्रेस कांफ्रेंस में नागा कचहरी के फैसले का जिक्र करते हुए कहा गया कि सिर्फ साढ़े तीन लाख की आबादी के लिए यह फैसला किया गया था. इसके अलावा देश के आदिवासियों के लिए भी कई अलग कानून हैं. पूरे देश को एक लाठी से हांकने की जरूरत नहीं है.
 
सवाल नागरिक संहिता पर देश की राय जुटा रहा है लॉ कमीशन
 
प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा गया कि बात सिर्फ मुसलमानों की नहीं है. मोदी जी ने एक नई जंग शुरू कर दी है. सीमाएं तो वह संभाल नहीं पा रहे हैं अब देश के अंदर भी जंग शुरू कर दी है.
 
जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रेसीडेंट सईद अरशद मदनी ने ऐलान करते हुए कहा कि हम केंद्र सरकार की ओर से की जा रही कोशिशों का विरोध करेंगे. इस मुद्दे पर सभी मुसलमान साथ हैं.
 
गौरतलब है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड और तीन तलाक के मुद्दे पर केंद्र सरकार की ओर से लॉ कमीशन को कहा गया है कि वह इस मुद्दे पर पूरे देश से राय मांगे. केंद्र सरकार के इस कदम से माना जा रहा है कि वह देश में सबके लिए समान कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है.  |
 
लॉ कमीशन के चैयरमैन ने कहा- देश संविधान के मुताबिक चलेगा
 
जस्टिस बीएस चौहान ने इनखबर/ इंडिया न्यूज से आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड पर की प्रेस कांफ्रेस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. लेकिन ये भी कहा ‘आयोग देश के संविधान के मुताबिक काम करेगा और लोगों की इच्छा जानेगा. हम बहुसंख्यकों के विचार अल्पसंख्यकों पर नहीं थोपेंगे.”
 
उन्होंने कहा, “हम यहां लोगों के विचार जानने के लिए हैं. हमने प्रश्नावली को पब्लिक डोमेन में रखा है ताकि सभी स्टेक होल्डर जवाब दे सकें. प्रश्नावली सभी धर्मों के लिए है. जवाब मिलेंगे तो आगे की कवायद शुरू करेंगे.”

 

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