नई दिल्ली. भारत-पाकिस्तान सीमा को सील करने पर भी अब चीन को आपत्ति है. चीन के अखबार में छपे एक लेख के मुताबिक इससे पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बातचीत को झटका लगेगा. इतना ही नहीं भारत के इस कदम को बेहद ‘तार्किक’ बताया गया है.
इनख़बर से जुड़ें | एंड्रॉएड ऐप्प | फेसबुक | ट्विटर
चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स में शंघाई अकादमी से जुड़े हू जियोंग ने लिखा ‘भारत यह बहुत गलत फैसला करने जा रहा है. जबकि उरी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने का कोई सबूत नहीं है. सीमा को सील करने से दोनों देशों के संबंधों पर बहुत बुरा असर पड़ेगा. पहले ही सीमा पार से होने वाले व्यापार और बातचीत खतरे में है.
हू ने कहा कि भारत का यह फैसला कोल्ड वार मानसिकता को दर्शाता है. इससे भारत-चीन-पाकिस्तान के संबंधों पर भी असर पड़ेगा. वहीं मध्य एशिया मामलों के जानकर वागं देहुआ का कहना है कि सीमा सील कर देने से दोनों देशों की ओर से की जा रही शांति की कोशिशों पर बाधा पहुंचेगी.
गौरतलब है कि शुक्रवार को ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐलान किया था कि दिसंबर 2018 तक भारत-पाकिस्कान की 3323 किमी की सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा. इससे आतंकवादियों के घुसपैठ को रोका जा सकेगा.
लेकिन की चीनी की मीडिया में छपा यह लेख ऐसे समय आया है जब चीन मसूद अजहर सहित कई मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ खड़ा है. इतना ही नहीं अब तो चीन उरी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने से ही इनकार रहा है.