पंडित दीनदयाल के विश्वास ने BJP को विचार से विकल्प बनाया: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में विज्ञान भवन में 'द कम्प्लीट वर्क्स ऑफ दीनदयाल उपाध्याय' का विमोचन किया है. इसके 15वें संस्करण वाले संग्रह का विमोचन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल का जीवनकाल लंबा नहीं था, लेकिन उन्होंने कम समय में ही एक विचार को विकल्प बना दिया.

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पंडित दीनदयाल के विश्वास ने BJP को विचार से विकल्प बनाया: नरेंद्र मोदी

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  • October 9, 2016 9:38 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में विज्ञान भवन में ‘द कम्प्लीट वर्क्स ऑफ दीनदयाल उपाध्याय’ का विमोचन किया है. इसके 15वें संस्करण वाले संग्रह का विमोचन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल का जीवनकाल लंबा नहीं था, लेकिन उन्होंने कम समय में ही एक विचार को विकल्प बना दिया.
 
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पीएम मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इतने कम समय में एक राजनीतिक दल विपक्ष से विकल्प बन गया, यह कोई छोटी बात नहीं है. उन्होंने कहा, ‘पंडित दीनदयाल के प्रयासों से ही एक विपक्ष विकल्प बना है.’
 
मोदी ने कहा, ‘कोई भी पंडित जी के बारे में सोचता है तो सादगी की छवि उभरती है. मुझे तो उनके दर्शन करने का सौभाग्य नहीं मिला.’ पीएम ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जिक्र करते हुए कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि अगर मेरे पास दो दीनदयाल होते तो मैं देश की राजनीति का चरित्र बदल देता.
 
पंडित जी का सींचा हुआ दल खरा उतरेगा
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं चाहूंगा कि हिंदुस्तान का विश्लेषक वर्ग राज्यों की सरकारों को कसौटी को परखे। मुझे विश्वास है कि पंडित दीनदयाल ने जिस दल को सींचा है वह खरा उतरेगा.’
 
मोदी ने कहा कि एक वक्त था जब जनसंघ के नेता जमानत बचने पर पार्टी करते थे. उन्होंने कहा, ‘मैंने सुना है कि गुजरात में जनसंघ का मजाक उड़ाते हुए कहते थे कि दिवार पर दीपक बनाने से जीत जाओगे क्या. यह पंडित जी का विश्वास ही था जो आज हमारी विचार यात्रा यहां तक पहुंची है.’
 
कृष्ण और गांधी के विचारों को आधुनिक अर्थों में प्रस्तुत किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि सुदर्शन चक्रधारी मोहन से चरखा धारी मोहन तक जो हम सुनते आए हैं पंडित जी ने उसे आधुनिक अर्थों में प्रस्तुत किया है. 
 
सेना समर्थवान, देश समर्थवान
मोदी ने कहा, ‘दीनदयाल कहते थे कि राष्ट्र में जो सेना है वो सेना अत्यंत समर्थवान होनी चाहिए, तभी देश भी समर्थवान होगा, देश का एक-एक व्यक्ति समर्थवान होगा. देश बलशाली होगा, बलशाली का मतलब विपक्ष में बलशाली होना नहीं है.’ 
 
कौन हैं दीनदयाल
पंडित दीनदयाल उपाध्याय 1953 से 1968 तक भारतीय जनसंघ के नेता थे. भारतीय जनसंघ ने ही आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी का रूप लिया. 1980 में बीजेपी बनी थी.
  

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