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372 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत के लिए खुश होने वाली खबर है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढक़र करीब 372 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह के बाद भारत का विदेशी मुद्राभंडार बढ़कर 371.99 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा.

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  • October 9, 2016 6:04 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत के लिए खुश होने वाली खबर है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढक़र करीब 372 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह के बाद भारत का विदेशी मुद्राभंडार बढ़कर 371.99 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा. इस भंडार को बढ़ाने में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की बढ़ती आवक और आयात में तेज गिरावट जैसी वजहों ने बेहद अहम भूमिका निभाई है.
 
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आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 23 सितंबर तक यह आंकड़ा 370.76 अरब डॉलर था, लेकिन 30 सितंबर तक यह 371.99 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया है. रिजर्व में आए उछाल में तात्कालिक रूप से सबसे ज्यादा योगदान एफसीए का रहा, जिसमें एक हफ्ते में 1.46 अरब डॉलर का इजाफा हुआ. इससे विदेशी मुद्रा संपत्तियां 345.24 अरब डॉलर पर पहुंच गईं 
 
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 30 सितंबर तक 346.71 अरब डॉलर, सोना 21.40 अरब डॉलर, स्पेशल ड्राइंग राइट्स 1.48 अरब डॉलर और अंतरराष्ट्री य मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भंडारण 2.38 अरब डॉलर रहा है. इससे पहले 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 1.16 अरब डॉलर बढक़र 370.76 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर था. फॉरेक्स रिजर्व में सबसे बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा संपत्तियों (एफसीए) का होता है. इसमें केंद्रीय बैंक के पास स्वर्ण भंडार और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) में भारत के विशेष आहरण अधिकार यानी एसडीआर भी शामिल होते हैं.
 
वहीं अगर चीन के विदेशी मुद्रा भंडार की बात की जाए तो सितंबर में यह लगातार तीसरे महीने बाजार अनुमान से भी ज्यादा कम हुआ है. पीपल्स बैंक ऑफ चाइना की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर में चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अरब डॉलर का गोता लगाकर 3,170 अरब डॉलर रह गया. विदेशी मुद्रा भंडार के कम होने का सीधा सा संकेत यह है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यानी चीन से लोग तेजी से पैसा खींच रहे हैं. चीन का विदेशी मुद्रा भंडार दुनिया का सबसे बड़ा भंडार है। पिछले साल इसमें रिकॉर्ड 513 अरब डॉलर की कमी आई थी.
 
 

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