नई दिल्ली. बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की सुनवाई बिहार से बाहर करने का विरोध किया है. सरकार ने इस मामले में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि इस केस की सुनवाई बिहार में ही की जाए, इसे दिल्ली ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं है.
बता दें कि राजदेव केस में याचिका दायर कर इस मामले की सुनवाई को दिल्ली में करने की मांग की गई है. इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. बिहार सरकार ने अपने हलफनामा में कहा है कि इस मामले की सुनवाई बिहार में ही की जाये.
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि पीड़ित परिवार की सुरक्षा के सभी इंतजाम कर दिए गए हैं, इतना ही नहीं बिहार सरकार ने कहा कि सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और वो सीबीआई को जाँच में पूरा सहयोग कर रहे है.
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह भी कहा है कि याचिका में सीबीआई जांच की मांग प्रभावहीन हो गई है क्योंकि राज्य सरकार ने इस मामले में पहले ही सीबीआई जांच के आदेश दे दिए है.
बिहार सरकार ने कहा कि मामले को अब आगे न सुना. बता दें कि अब मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी और इसी दिन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव और शहाबुदीन जवाब दाखिल करेंगे.
राजदेव की पत्नी ने मांगी सुरक्षा
राजदेव रंजन की पत्नी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि मामले की जांच सीबीआई को अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया जाए साथ ही उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए.
साथ ही गुहार लगाई गई है कि आरजेडी के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन और हेल्थ मिनिस्टर तेज प्रताप सिंह व अन्य के खिलाफ जर्नलिस्ट हत्याकांड में शामिल आरोपी को शरण देने के मामले में केस दर्ज किया जाए.
याचिकाकर्ता महिला आशा रंजन की ओर से उनके एडवोकेट किसलय पांडेय ने बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि 13 मई 2016 को सिवान में उनके पति राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई.