नई दिल्ली. इंडिया न्यूज़ के सहयोगी अखबार संडे गार्जियन ने फोर्ड फाउंडेशन मामले में बड़ा खुलासा किया है. अखबार के मुताबिक भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बिना कागजातों की जांच के फोर्ड फाउंडेशन को भारत में काम करने की इजाजत दी थी. कई संवेदनशील सेक्टर में काम करने वाली संस्था फोर्ड को 1952 में दिल्ली में दफ्तर खोलने की इजाजत दी गई थी.
अखबार ने खुलासा किया है कि इस संस्था को जरूरी कानूनी दस्तावेजों के बगैर इजाज़त दी गई और इसके दस्तावेज आज भी अधूरे हैं. फोर्ड फाउंडेशन FCRA और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के तहत FEMA में रजिस्टर्ड नहीं है.
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गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल माह में गैर सरकारी संगठनों को विदेशी चंदा मिलने पर नए सिरे से कार्रवाई करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमेरिका के फोर्ड फाउंडेशन को अपनी ‘निगरानी सूची’ में रखा है. और आदेश दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के कारणों से इस अंतरराष्ट्रीय संस्थान से आने वाला समस्त धन मंत्रालय की मंजूरी से ही आएगा.
गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने फोर्ड फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित सभी गतिविधियों पर नजर रखने का फैसला किया है. साथ ही, विदेशी चंदा नियमन कानून, 2010 की धारा 46 के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस संगठन से आने वाले धन के बारे में गृह मंत्रालय को संज्ञान में रखा जाए.
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