नई दिल्ली. सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रधानमंत्री मोदी के फैसले और एनएसए अजित डोभाल की नीति की हर जगह तारीफ हो रही है. लेकिन इस पूरे अभियान को सफल बनाने में सैन्य अभियान के महानिदेशक यानी डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह का सबसे बड़ा हाथ है. इनख़बर से जुड़ें | एंड्रॉएड ऐप्प | फेसबुक | ट्विटर 29 सितंबर की रात को […]
नई दिल्ली. सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रधानमंत्री मोदी के फैसले और एनएसए अजित डोभाल की नीति की हर जगह तारीफ हो रही है. लेकिन इस पूरे अभियान को सफल बनाने में सैन्य अभियान के महानिदेशक यानी डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह का सबसे बड़ा हाथ है.
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29 सितंबर की रात को हुए सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने ही की थी. उन्होंने ही तय किया था कि हमला किस जगह और कहां तय करना है.
बनाए गए थे आर्म्ड डिवीजन का हेड
उनके साथी रिटायर कर्नल अवनीश शर्मा हिंदुस्तान टाइम्स को बताते हैं कि रणबीर सिंह से पहली बार वह आईएमए में मिले थे. उन्होंने बताया कि पूर्व चीफ जनरल के सुंदर जी के बाद रणबीर सिंह ही ऐसे अधिकारी थे जिन्हें इन्फैंट्री से आर्म्ड डिवीजन का हेड बनाया गया था.
57 के साल के हो चुके लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने अपने करियर में कर्नल और ब्रिग्रेडियर भी रह चुके हैं. कई सैन्य अभियानों में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं. उनके ऐसे अभियानों में महारत हासिल है.
जालंधऱ में हुआ जन्म
जालंधर में पैदा हुए रणबीर सिंह ने ने प्रारंभिक शिक्षा कपूरथला के सैनिक स्कूल की है. उसके बाद 1980 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के लिए चुने गए.
बचपन से ही तेज, देशभक्त और डिबेट में हिस्सा लेने के शौकीन रणबीर सिंह को सेना में जाना शुरू से लक्ष्य रहा. उनकी पहली पोस्टिंग 9 डोगरा रेजीमेंट में हुई.
उठ गया था पिता का साया
जब रणबीर सिंह बहुत छोटे थे तभी उनके पिता का साया उनके सर से उठ गया था. उनके चाचा मनमोहन सिंह ने उनका लालन-पालन किया जो कि भारतीय सेना में कर्नल थे.
बचपन से ही थे तेज
कर्नल मनमोहन सिंह बताते हैं कि रणबीर बचपन से पढ़ने में बहुत तेज थे. वह स्कूल या मिलिट्री के कोर्स दौरान हमेशा टॉप पर रहे. उन्होंने हमेशा उनकी सलाह को माना.
ले चुके हैं अंतर्राष्ट्रीय अभियानों में हिस्सा
मनमोहन सिंह बताते हैं कि उनका परिवार मूल रूप से होशियापुरक के गांव अंबाला जट्टन गांव का है जो कि बाद में जालंधर में बस गया था. रणबीर सिंह ने संयुक्त राष्ट्र मिशन की ओर चलाए गए अभियानों में हिस्सा ले चुके हैं. इस दौरान वह अंगोला और रवांडा में चलाए गए अभियानों में हिस्सा लिया.
पहली बार डीजीएमओ ने की प्रेस कांफ्रेंस
आम तौर पर सेना से जुड़ी जानकारी देने के लिए सेना के प्रवक्ता ही आगे आते हैं लेकिन पाकिस्तान पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी खुद डीजीएमओ ने की थी. इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह भारतीय सेना के नए नायक के रूप में उभरे
‘हमले की जगह और वक्त हम तय करेंगे’
उरी हमले के बाद जब पहली बार डीजीएमओ मीडिया के सामने आए तभी उन्होंने कहा था कि हमले की जगह और तारीख हम खुद तय करेंगे. उस समय उनके चेहरे पर गुस्सा और आत्मविश्वास दोनों ही झलक रहा था.