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जिस काम में 68 साल हुए बर्बाद, उसे मोदी ने 2 साल में कर दिखाया

नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और इसी के साथ उनके नाम एक उपलब्धि जुड़ गई कि वे ऐसे पीएम बने जिनका जन्म आजाद भारत में हुआ है. अब दो साल बाद उनकी सरकार ने वह कारनामा कर दिखाया है जो आजादी के 68 सालों बाद भी किसी सरकार ने नहीं किया.

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  • October 2, 2016 5:49 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और इसी के साथ उनके नाम एक उपलब्धि जुड़ गई कि वे ऐसे पीएम बने जिनका जन्म आजाद भारत में हुआ है. अब दो साल बाद उनकी सरकार ने वह कारनामा कर दिखाया है जो आजादी के 68 सालों बाद भी किसी सरकार ने नहीं किया.
 
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आपने शनिवार की वित मंत्री अरुण जेटली की प्रेस कांफ्रेंस के बारे में पढ़ी होगी जिसमें उन्होंने बताया कि 64275 लोगों ने अपने 65250 करोड़ के काले धन का खुलासा किया. इसके लिए पिछले चार महीनों से कालेधन के खुलासे के लिए मोदी सरकार ने स्कीम चलाई थी.
 
इसमें गौर करने वाली बात यह कि इससे पहले भी कई सरकारों ने कालेधन के खुलासे के लिए योजनाएं चलाई लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली. एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछली सरकारों ने कालेधन को लेकर जो कदम उठाई थी उसमें 68 सालों में केवल 11-12 हजार करोड़ रुपए का खुलासा हुआ था. इसे 68 सालों में सरकार को 4 हजार करोड़ के टैक्स भी मिले.
 
 
26 मई 2014 को जब मोदी की सरकार बनी तो उनके निशाने पर कालाधन ही थी. कालेधन को लेकर मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लेने शुरू किए, जिसके बदौलत 64,275 लोगों ने 65,250 करोड़ रुपये की अपने ब्लैक मनी की घोषणा की, जिसमें सरकार को करीब टैक्स के रूप में 29,362 करोड़ मिलेंगे.

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