नई दिल्ली. 29 सितम्बर की रात को भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुस कर आतंकवादियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई काबिल ए तारीफ थी. लेकिन सेना के इस जवाबी हमले को अगर आप ऐसी पहली घटना मान रहे हैं तो यह सही नहीं है.
दरअसल पिछले 45 सालों में सेना ने जरुरत पड़ने पर कई बार सरहद पार इस तरह के ऑपरेशन्स को अंजाम दिया है. इस तरह का सबसे पहला ऑपरेशन 1971 के समय हुआ था जब हमारी सेना बांग्लादेश में घुसी थी और उसे आजाद कराया था. इसके बाद 1987 में लिट्टे के खात्मे के लिए भारत की ओर से शांति रक्षा बलों के 50 हजार जवानों को श्रीलंका में भेज गया था.
इसके अलावा 1988 में मालदीव की ओर से तख्तापलट की कोशिशों को नाकाम करने के लिए मदद मांगे जाने के बाद भारत ने अपने 1400 कमांडो माले में भेजे थे. इस अभियान में बड़े पैमान पर विरोधियों को खत्म किया गया था. मालदीव के बाद 1995 में म्यांमार में उग्रवादियों के कैम्प बर्बाद करने के लिए ऑपरेशन गोल्डन बर्ड चलाया गया था. इस ऑपरेशन में 40 उग्रवादियों को खत्म किया गया था.
इसके बाद 2015 में दोबारा म्यांमार सीमा के अंदर कार्येवाही की थी. इसके बाद उरी हमले के जवाब भारतीय सेना ने पीओके में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया.