नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के जमानत याचिका रद्द करने के बाद शहाबुद्दीन ने सीवान कोर्ट में सरेंडर कर दिया. पत्रकारों को शहाबुद्दीन ने कहा कि उनके बारे में लोग क्या बात करते हैं उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है. वो न्यायपालिका का सम्मान करते हैं.
इसके पहले सुबह सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए शहाबुद्दीन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने यह फैसला बिहार सरकार और चंद्रकेश्वर प्रसाद की याचिका पर लिया. पीड़ितों ने जमानत रद्द होने पर खुशी जाहिर की है.
बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने 7 सितंबर को शाहबुद्दीन की जमानत मंजूर कर ली थी और वह 10 सितंबर को भागलपुर जेल से रिहा हुए थे. लेकिन, जमानत के खिलाफ जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने चंद्रकेश्वर प्रसाद की ओर से और बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
बिहार सरकार को लगाई थी फटकार
शहाबुद्दीन के खिलाफ दर्जनों मामलों दर्ज है. उन पर पर चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीन बेटों की हत्या का आरोप है. इस मामले में शहाबुद्दीन 11 साल जेल में काट चुके हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शाहबुद्दीन को लेकर बिहार सरकार के रुख पर फटकार लगाई थी.
कोर्ट ने कहा था कि एक साधारण आदमी भी यह जानना चाहता है कि शहाबुद्दीन जो 4 बार सांसद, दो बार विधायक रहा है उसके खिलाफ अगर इतने मामले लंबित है तो उसमें सरकार ने क्या कदम उठाये हैं. शहाबुद्दीन को सभी मामलों में जमानत मिली लेकिन आपने इसे चुनौती क्यों नहीं दी.