नई दिल्ली. भारतीय सेना के पारा कमांडोज ने बीती रात पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मारा है. उनकी तैयारी किस तरह होती है, किस तरह वे आतंकियों को धूल चटाते हैं. आइए हम आपको बताते हैं.
सबसे पहले आपको बता दें कि भारतीय सेना के इन्हीं पारा कमांडोज ने मणिपुर में उग्रवादियों को मार गिराया था. ये कमांडोज किसी भी हालत से निपटने में माहिर हैं. इनकी ट्रेनिंग बेहद कठिन होती है. ये कमांडो फोर्स किसी भी हालात में दुश्मन का खात्मा करने में सक्षम होते हैं. ट्रेनिंग के दौरान इन्हें हवा में, पानी में और जंगल में घात लगाकर मार करने की तकनीक सिखाई जाती है. आधुनिक हथियारों से लैस ये कमांडो रात के अंधेरे में भी दुश्मन को पहचानकर उनका खात्मा करने के लिए ट्रेंड होते हैं.
बीती रात पाकिस्तान में घुस आतंकियों को मारा
भारतीय सेना के इन जांबाज पैरा कमांडोज ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाते हुए पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को तबाह कर दिया है. दुश्मन के इलाके में घुसकर घात लगाकर हमला करना हो या आतंकवादियों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन आसमान से छलांग लगाना हो, ये पैरा कमांडो हर मोर्चे पर सबसे आगे हैं. इन पैरा कमांडोज की ट्रेनिंग स्कूल आगरा में है जहां इन्हें हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जाता है.
1971 भारत-पाक जंग में छुड़ाए थे पाकिस्तान के छक्के
भारतीय सेना के इन्हीं 700 पैरा कमांडोज ने 1971 की भारत-पाक जंग में लड़ाई का रुख ही बदल दिया था. इनका सबसे अहम हथियार पैराशूट होता है. इनके पास दो पैराशूट होते हैं. पहला पैराशूट जिसका वजन 15 किलोग्राम होता है जबकि दूसरा रिजर्व पैराशूट जिसका वजन 5 किलोग्राम होता है. पैराशूट की कीमत 1 लाख से लेकर 2 लाख तक होती है. अगर किसी ऊँची बिल्डिंग के अन्दर आतंकी छुपे हों तो कैसे उन्हें खत्म करना है, पैरा कमांडो ये बात भलीभांति जानते हैं.
पैरा कमांडो के पहले खुफिया सूचना
पैरा कमांडो के हर एक ऑपरेशन से पहले खुफिया सूचना के आधार पर एक प्लान तैयार किया जाता है. उसमें हमले की एक-एक पहलूओं पर बारिकी से विचार किया जाता है, जैसे- कब, कहां और कैसे हमला करना है?
क्या होता है सर्जिकल स्ट्राइक?
सबसे पहले आप सरल शब्दों में जान लें कि यह युद्ध तो नहीं, लेकिन युद्ध की तरह ही होता है. यह मिलिट्री फोर्स द्वारा किया जाता है. सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान दुश्मन के ठिकाने को खुफिया जानकारी के आधार पर ध्वस्त किया जाता है. साथ ही सावधानी भी बरती जाती है. इससे पहले भी जून में म्यांमार ने भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था.