नई दिल्ली. उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को चारो ओर से घेरना शुरू कर दिया है. कूटनीतिक मामलों में अभी तक भारत बड़ी सफलता मिली है. अफगानिस्तान, भूटान और बांग्लादेश ने सार्क समिट में हिस्सा लेने से मना कर दिया है.
वहीं प्रधानमंत्री मोदी अब पाकिस्तान को 1996 से मिले मोस्ट फेवर्ड कंट्री यानी एमएफएन का दर्जा वापस लेने का भी विचार कर हैं. अगर भारत ने ऐसा फैसला कर लिया तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर इसका बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है.
संबंधों में जारी लगातार से तनाव दोनों देशों के बीच व्यापार को ज्यादा नहीं हुआ है लेकिन एमएफएन दर्जे की वजह से पाकिस्तान ने अभी तक इसका खूब लाभ उठाया है.
क्या असर होगा पाकिस्तान पर
1- भारत अगर पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा वापस ले और केमिकल, स्टेपल फाइबर, कॉटन, जैसे औद्योगिक कच्चे माल, चाय और नमक जैसे घरेलू खुदरा उत्पादों का एक्सपोर्ट बंद कर देता है तो पाकिस्तान में इन चीजों के दाम बढ़ जाएंगे. इससे वहां खुदरा महंगाई बढ़ जाएगी जिसका असर वहां की जनता पर पड़ेगा.
2- भारत ने बीते वित्तीय साल में 78.23 करोड़ डॉलर का कॉटन पाकिस्तान को भेजा है. पाकिस्तान के कपड़ा उद्योग के लिए यह कॉटन काफी अहम है. यह कॉटन ज्यादातर पंजाब से जाती है. जो लाहौर में लगे कपड़ा फैक्टरियों के लिए काफी सस्ता पड़ता है. कच्चे माल सस्ता मिल जाने से पाकिस्तान का कपड़ा उद्योग इंटरनेशनल में मार्केट में कंपटीशन कर पाता है. अगर भारत ने कॉटन भेजना बंद कर दिया तो वहां की टेक्सटाइल कंपनियां तबाह हो सकती है.
3- हालांकि कॉटन निर्यात बंद कर देने से थोड़ा नुकसान भारत को भी उठाना पड़ेगा. लेकिन पाकिस्तान की कपड़ा फैक्टरियां जब अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से बाहर होने लगेंगी तो इसका फायदा भारत को होगा. टेक्सटाइल मार्केट में भारत के दो सबसे बड़े प्रतिद्गंदी पाकिस्तान और बांग्लादेश ही हैं.
4- भारत का केमिकल भी पाकिस्तान की इंडंस्ट्री के लिए काफी अहम है. भारत ने अगर इसका एक्सपोर्ट बंद कर दिया तो पाकिस्तान दूसरे बाजारों का रुख करेगा जो उसको काफी महंगा पड़ेगा.
5- इसके अलावा भारत कई घरेलू सामान पाकिस्तान को एक्सपोर्ट करता है जिसमें नमक, चाय, खाद्य तेल और प्लास्टिक से बनी चीजें हैं. अगर ये चीजें भारत से जाना बंद हो गईं तो पाकिस्तान की जनता को महंगाई का सामना करना पड़ेगा.