नई दिल्ली. बीजेपी सरकार मुस्लिम समुदाय से करीबी बनाने के लिए एक नई तरह की पहल करने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद से ही मुस्लिमों को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास शुरू हो गए हैं. एक नई पहल करते हुए मोदी सरकार मुस्लिम समुदाय के दरवाजे तक पहुंचेगी और उनकी समस्याएं सुनकर समाधान करेगी.
इस पहल के तहत सरकार के प्रतिनिधि अलग-अलग इलाकों में मुस्लिम पचायतें लगाएंगे. इसकी शुरुआत गुरुवार को मेवात से होगी. यह अल्पसंख्यक बहुमत वाला इलाका है. इसके बाद अगले तीन-चार महीनों में लगभग सौ जगहों पर यह ‘प्रगतिशील पंचायतें’ लगाई जाएंगी. इसके हिसाब से एक महीने में करीब 25 से 30 पंचायतें लगेंगी.
इन पंचायतों को केंद्र और राज्य दोनों के सहयोग से चलाया जाएगा. पंचायत के दौरान राज्य व केंद्र के मंत्री और अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. इसके तहत कोशिश होगी की पंचायत में बताई जा रही समस्या का निपटारा वहीं पर हो जाए. इस पहल का अंत दिल्ली में अंत्योदन समागम के तौर पर होगा, जिसमें खुद प्रधानमंत्री उपस्थित हो सकते हैं.
पंचायत का खाका तैयार
बता दें कि हाल ही में केरल में भाजपा की राष्ट्रीय परिषद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की एक बात को दाहराते हुए कहा था कि मुस्लिमों को तिरस्कृत या पुरस्कृत न करें बल्कि उन्हें सशक्त करें. इसके बाद मुस्लिम पंचायत को बीजेपी के मुस्लिम समुदाय की ओर बढ़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
इस पहल के क्रियान्वयन के लिए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने लोगों से संपर्क साधने का खाका भी तैयार कर लिया है. इस पंचायत की गंभीरता को देखते हुए नकवी खुद इन पंचायतों में मौजूद रहेंगे. इसके जरिए सरकार ये संदेश देना चाहती है कि वह खुद चलकर मुस्लिम समुदाय की समस्याओं को सुलझाने के लिए उनके दरवाजे तक आई है.
सुझावों पर होगा अमल
इन पंचायतों के तहत न सिर्फ समस्याएं सुलझाई जाएंगी बल्कि अल्पसंख्यकों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की भी जानकारी दी जाएगी. अगर उनमें कुछ तार्किक बदलाव का सुझाव दिया जाता है तो उसे भी अमल में लाए जाने की संभावना है.
खबर है कि हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार जैसे कुछ राज्यों में ऐसी पंचायतों की पहचान कर ली गई है. लेकिन, उत्तर प्रदेश में किसी जगह को अभी इसके लिए नहीं चुना गया है. पंचायत की बैठक से पहले स्कूल, अस्पताल और संस्थान आदि के उद्घाटन की भी योजना है.