नई दिल्ली. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार को प्रदेश में कुपोषण से हुई मौतों पर नोटिस जारी किया है. आयोग ने श्योपुर जिले में पिछले पांच महीने में हुई 116 बच्चों की मौत पर जवाब मांगा हैं.
आयोग ने मीडिया में आयी रिपोर्ट्स पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है. आयोग ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की है. आयोग ने अपने द्वारा जारी किये गए बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री दफ्तर ने भी ये माना है कि जिले में स्थित तीनो रेहबलिटेशन सेंटरों में मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है और साथ ही साथ डॉक्टरों व अन्य सुविधाओं की भी कमी है.
आयोग के अनुसार इस प्रकार की स्थिति बहुत निराशाजनक हैं. बेडो की कमी की वजह से बच्चों को रेहबलिटेशन सेंटर में जमीन पर सोना पड़ रहा हैं. डॉक्टर कुपोषित बच्चो को नहीं देख रहे है. ये परिस्थितियां पूरी तरह से मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं. श्योपुर के जिलाधिकारी का कहना है कि मूलभूत सुविधाओ की कमी की वजह से कुछ दिक्कते आ रही थी पर अब आस-पास के जिलों से भी डॉक्टर बुलाये जा रहे है, जल्द ही हालात पर नियंत्रण पा लिया जायेगा।