संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. सुषमा ने कहा कि आतंकवाद मानवाधिकार का सबसे बड़ा दुश्मन है. आखिर आतंकवाद को कौन पनाह दे रहा है, कौन फंडिग कर रहा है आज आतंकवाद दुनिया में दैत्य का रूप ले चुका है.
संयुक्त राष्ट्. संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत क अभिन्न अंग है और रहेगा कोई सपना न देखे.
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सुषमा ने कहा कि आतंकवाद मानवाधिकार का सबसे बड़ा दुश्मन है. आखिर आतंकवाद को कौन पनाह दे रहा है, कौन फंडिग कर रहा है. इन देशों को पहचानने की जरूरत है. आज आतंकवाद दुनिया में दैत्य का रूप ले चुका है. अब समय आ गया है कि आतंकवाद के खिलाफ हमें एकजुट होना होगा. हमें आपसी मतभेद भुलाने होगे. मोह त्यागना होगा.
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर कोई देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में शामिल नहीं होना चाहता है तो उसे अलग-थलग करना होगा क्योंकि ऐसे देेश आतंकवाद उगाते भी हैं, बोते भी हैं, और निर्यात भी करते हैं.
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर तगड़ाा पलटवार करते हुए कहा कि 21 तारीख को इसी मंच पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत में मानवाधिकार पर सवाल उठाए हैं तो उनसे कहना चाहती हूं कि ‘जिनके अपने घर शीशे को हों वो दूसरे के घरों में पत्थर नहीं मारते.
सुषमा ने कहा कि पाक के प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया है कि भारत बातचीत के लिए शर्त थोपना चाहता है. सुषमा ने कहा हम जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी काबुल से आते हुए लाहौर उतर गए थे तो क्या शर्त रखी थी. हमने कभी ईद की शुभकामनाएं भेजीं, क्रिकेट की बधाई दी, स्वास्थ्य के बारे में जाना तो हमने कोई शर्त रखी थी.
उन्होंने विश्व बिरादरी का ध्यान सीमा पार से जारी आतंकवाद की ओर खींचते कहा ‘इसके बदले में हमें क्या मिला, पठानकोट, उरी और बहादुर अली. बहादुर अली जिंदा सबूत है पाकिस्तान के आतंकवाद का. सुषमा ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि मैं साफ कह देती हूं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा. इसलिए पाकिस्तान यह ख्वाब देखना बंद कर दे.
आपको बता दें कि सुषमा स्वराज ने भाषण की शुरुआत जलवायु परिवर्तन के विषय पर शुरू की और कहा कि अब वक्त समय आ गया है कि हमें जीवन शैली को इसके मुताबिक बनाना होगा. योग इसमें सबसे बड़ा माध्यम हो सकता है. पूरी दुनिया में इसको समर्थन मिल रहा है.