नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुटखा बैन पर पाबंदी होने के बावजूद सार्वजनिक जगहों पर खुलेआम बिक्री पर कड़ा रूख अपनाया है. कोर्ट ने कहा है कि सभी तरह के तंबाकू पर पाबंदी लगनी चाहिए. इस संबंध में कोर्ट ने सभी अधिकारियों और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
जस्टिस वी गोपाल गोडा और आदर्श के गोयल की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए साफ कहा कि सभी प्रकार के चबाने वाले तंबाकू की बिक्री तत्काल बंद हो जाने चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में भी इस नियम को सही ठहराया था लेकिन तम्बाकू निर्माताओं ने पान मसाला और चबाने वाले तम्बाकू के घटक अलग-अलग पैकेट में बेचकर कोर्ट के आदेश की भी अनदेखी की.
तम्बाकू उद्योग पर खतरे को देखते हुए निर्माताओं ने इस मामले को और लंबा खींचने की कोशिश की थी. 2014 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत और बांग्लादेश में तंबाकू सेवन करने वालों की तादाद पूरी दुनिया की 80 फीसदी है. बता दें कि दे मुंह के कैंसर के मामलेां में से 90 फीसदी मामले चबाने वाले तंबाकू से जुड़े होते हैं. कोर्ट के नए आदेश का अगर सख्ती से पालन किया जाता है तो इसका फायदा जरूर मिलेगा और देशवासियों का भी भला होगा.