उरी हमले से आहत अन्ना, कहा- युद्ध हुआ तो मैं भी बॉर्डर पर जाऊंगा लड़ने

उरी सेक्टर में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान से बदला लेने के लिए मोदी सरकार से कार्यवाही की मांग की है. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी पाकिस्तान से बदला लेने की बात कही है. अन्ना ने कहा है कि अगर पाकिस्तान अब भी नहीं बदलता और युद्ध करना पड़ता है तो मैं भी जंग लड़ने बॉर्डर पर जाउंगा.

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उरी हमले से आहत अन्ना, कहा- युद्ध हुआ तो मैं भी बॉर्डर पर जाऊंगा लड़ने

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  • September 24, 2016 12:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. उरी सेक्टर में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान से बदला लेने के लिए मोदी सरकार से कार्यवाही की मांग की है. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी पाकिस्तान से बदला लेने की बात कही है. अन्ना ने कहा है कि अगर पाकिस्तान अब भी नहीं बदलता और युद्ध करना पड़ता है तो मैं भी जंग लड़ने बॉर्डर पर जाउंगा. साथ ही अन्ना हजारे ने कहा कि वे उरी आतंकी हमले पर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया का समर्थन किया है.
 
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‘युद्ध हुआ तो मैं भी जाउंगा बॉर्डर’
हालांकि अन्ना ने ये भी कहा कि हमें युद्ध नहीं लड़ना चाहिए, युद्ध से किसी भी देश को फायदा नहीं मिलेगा लेकिन अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है तो उसे समझाने के लिए युद्ध ही एकमात्र रास्ता है. उन्होंने कहा कि अगर भारत-पाक में युद्ध हुआ तो मैं भी जंग लड़ने बॉर्डर पर जाउंगा. 
 
 
उरी हमले से बेहद आहत हैं अन्ना
अन्ना हजारे खुद के ऊपर बन रही एक फिल्म से जुड़े कार्यक्रम में मुंबई पहुंचे थे. यहां उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर भी अपनी बात बेबाकी से रखी. अन्ना ने कहा कि वे कश्मीर और उरी सेक्टर में रहे हैं. उन्होंने कहा कि उरी में हुएअ अटैक काफी भयानक है जिससे मै बेहद आहत हो गया हूं. 
 
 
उरी हमले पर सरकार का किया समर्थन
अन्ना हजारे ने उरी हमले पर मोदी सरकार की प्रतिक्रिया का समर्थन किया है. लेकिन जब उनसे अच्छे दिनों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में आप मुझसे अच्छा जानते हैं कि अच्छे दिन आए हैं या नहीं. हालांकि अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र में चल रहे मराठा आंदोलन पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था.
 
 
अरविंद केजरीवाल पर भी बोले अन्ना
अन्ना हजारे ने कहा है कि मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के त्याग और उनके काम को देखा है. मैं सोचता था कि मेरे पास एक आदमी है जो देश के लिए काम करेगा. लेकिन अब मुझे लगता है कि केजरीवाल के दिमाग में सत्ता घुस गया है और अब  देखिए कि उन्हें कितने मंत्रियों को कैबिनेट से निकालना पड़ रहा है. लेकिन ये जो हो रहा है इसमें मेरा ही नुकसान है और मैं इससे दुखी भी हूं. अगर 2011 वाली हमारी टीम साथ होती तो आज भारत के हालत कुछ और ही होते.

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