नई दिल्ली. शहाबुद्दीन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. प्रशांत भूषण ने चंदा बाबू की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर शहाबुद्दीन की जमानत को चुनौती दी थी. शहाबुद्दीन को तेज़ाब कांड में मारे गए दो भाइयों के मामले में पटना हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी थी. प्रशांत भूषण ने याचिका में मांग की है कि हाईकोर्ट के जमानत के आदेश पर रोक लगाई जाए.
दरअसल इसी साल मई में सीवान के बहुचर्चित तेजाब कांड में बाहुबली शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. याचिका में कहा गया है कि शहाबुद्दीन जैसे हिस्ट्री शीटर को जमानत देना इंसाफ का मजाक उड़ाना है. अगर हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट रोक नहीं लगाता तो ये इस मामले सहित दूसरे मामलों के लिए कभी न सही हो पाने वाला नुकसान होगा.
इससे पहले भी ये देखा गया है कि गवाह शहाबुद्दीन से डरे हुए थे और वो उसके खिलाफ गवाही नहीं देना चाहते थे. इसी वजह से गवाह अपने बयान से पलट जा रहे हैं. याचिकाकर्ता और उनका परिवार शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के बाद डरे हुए है. मामले की सुनवाई के दौरान राजीव रोशन एकलौता चश्मदीद गवाह था. पर उसको गवाही देने से पहले ही मार दिया गया था.
इस मामले में जिस जज ने शहाबुद्दीन को सजा सुनाई थी उन्होंने शहाबुद्दीन के रिहाई के दो दिन बाद ही अपनी सुरक्षा के मद्देनजर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिख अपना तबादला करा लिया.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट करेगा मामले की सुनवाई
इस मामले में सीवान की निचली अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए शहाबुद्दीन ने पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की थी और साथ ही जमानत के लिए भी अर्जी दायर की थी.
दो भाईयों के कत्ल के मामले में भी मिली है जमानत
इससे पहले प्रशांत भूषण ने चंदा बाबू की तरफ से ही चर्चित तेजाब हत्याकांड में दो भाईयों की हत्या के मामले के चश्मदीद गवाह राजीव रोशन की हत्या मामले में पटना हाई कोर्ट द्वारा शहाबुद्दीन को जमानत दिए जाने को चुनोती दी है. इस मामले में कोर्ट ने शहाबुद्दीन को नोटिस जारी किया है और इसी सोमवार को मामले की सुनवाई होगी.
विशेष कोर्ट ने ठहराया था दोषी
विशेष कोर्ट के जज अजय कुमार श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शहाबुद्दीन समेत चार लोगों को स्थानीय गल्ला व्यवसायी चन्द्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चन्दा बाबू के दो पुत्रों के अपहरण के बाद तेजाब डालकर हत्या किए जाने के मामले में दोषी ठहराया था.
शहाबुद्दीन को हत्या, अपहरण और षड्यंत्र (धारा 302, 201, 364 और 120 बी) में शामिल होने के आरोप में, जबकि 3 अन्य अभियुक्त शेख असलम, आरिफ उर्फ सोनू और राजकुमार साह को दोषी माना था. आरोप था कि चंद्रकेश्वर के तीन बेटों की शहाबुद्दीन ने अपहरण कर हत्या करवा दी थी.
क्या है मामला ?
16 अगस्त 2004 को सीवान के व्यवसायी चंदा बाबू भूमि विवाद के निपटारे को लेकर पंचायत में थे. इसी बीच कुछ लोगों ने उन्हें मारने की धमकी दी. विवाद बढ़ा तो मारपीट हो गई. चंदा बाबू के बेटे और परिजन घर से भागने लगे और उन्होंने घर में रखे तेजाब को आक्रमणकारियों पर फेंक कर अपनी जान बचाई.
जानकारी के मुताबिक उसी दिन शहर के दो दुकानों से चंदा बाबू के दो पुत्रों गिरीश राज उर्फ निक्कू और सतीश राज उर्फ सोनू का अपहरण कर लिया गया. इस मामले में मां कलावती देवी के बयान पर नागेन्द्र तिवारी व मदन शर्मा के साथ चार-पांच अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई थी.