नई दिल्ली. 71वीं संयुक्त राष्ट्र आम सभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के कश्मीर राग पर भारतीय दूत एनम गंभीर ने पलटवार किया है. भारतीय दूत ने कहा कि अध्यक्ष महोदय, भारतीय राज्य जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की लगातर अनर्गल बातों का जवाब देने के लिए मैं जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहना चाहती हूं कि मानवाधिकार का सबसे बुरा उल्लंघन आतंकवाद से होता है. जब आतंकवाद का इस्तेमाल कोई देश नीति के तौर पर करता है तो यह युद्ध अपराध है.
‘पाकिस्तान की नीति है आतंकवाद को बढ़ावा देना’
हमारा देश और हमारे पड़ोसी आज जिस हालात का सामना कर रहे हैं वह आतंकवाद को बढ़ावा देने की पाकिस्तान की लंबे समय से चली आ रही नीति का नतीजा है. इसका नतीजा हमारे क्षेत्र से बाहर के देश भी भुगत रहे हैं. पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने उन हजारों निर्दोष लोगों को याद किया जो यहां से महज कुछ दूर आज से 15 साल पहले एक भयानक आतंकवादी हमले का शिकार बने थे. दुनिया यह भूली नहीं है कि उस कायराना हमले के तार पाकिस्तान के अबोत्ताबाद से जुडे थे.
‘तक्षशिला की धरती पर चल रहे हैं आतंक के स्कूल’
प्राचीन काल में शिक्षा के बड़े केंद्रों में से एक तक्षशिला की महान धरती पर आज आतंक के स्कूल चल रहे हैं जहां पूरी दुनिया के आतंकवादी ट्रेनिंग लेते हैं. इसका जहरीला असर पूरी दुनिया में महसूस किया जा रहा है. यह बहुत बड़ी विडंबना है कि आज यहां मानवाधिकार का उपदेश और स्व-निर्धारण की वकालत वो देश कर रहा है जिसने पूरी दुनिया में खुद को आतंकवाद के केंद्र के तौर पर स्थापित कर लिया है.
‘पाकिस्तान अपने आतंकियों को भारत के लिए करता है इस्तेमाल’
इस सम्मानित सदन में पाकिस्तान के पाखंड भरे भाषण से कुछ देर पहले ही नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को उरी में आतंकी हमले को लेकर तबल किया गया है जिस हमले में हमारे 18 सैनिक शहीद हो गए हैं. ये हमला हमारे पड़ोसी देश द्वारा आतंकवादियों को ट्रेनिंग और हथियार देकर हमारे देश में हमले करने के लिए लगातार भेजने की कड़ी का हिस्सा है.
‘पाकिस्तान अरबों डॉलर आतंक के लिए करता है इस्तेमाल’
हमें आज पाकिस्तान में एक आतंकी राज्य नजर आता है जो अरबों डॉलर की अंतरराष्ट्रीय मदद को गलत तरीके से आंतकियों और आतंकी संगठनों को हथियारबंद करने, उनकी बहाली, उनकी ट्रेनिंग और उनकी फंडिंग पर खर्च कर रहा है ताकि वो पड़ोसी देश में आतंकी हमले कर सकें.
‘पाकिस्तान में खुले आम घूमते हैं आतंकी संगठन’
आतंकी संगठन और उसके नेता पाकिस्तान में खुले-आम घूम रहे हैं जिनमें कई तो संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित किए जा चुके हैं और उनकी मदद से अपनी गतिविधियां चला रहे हैं. अधिकारियों की मंजूरी के साथ कई आतंकवादी संगठन वहां खुलेआम चंदा जुटाते हैं जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ पाकिस्तानी कमिटमेंट का खुला उल्लंघन है.
‘पाकिस्तान में लोकतंत्र की कमी’
आज भी हमने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वघोषित कमांडर का समर्थन करते सुना. पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां लोकतंत्र की कमी है. असल में ये ऐसा देश है जो अपने लोगों पर भी आतंकवाद का कहर बरपाता है. यह चरमपंथी संगठनों को समर्थन देता है, यह अल्पसंख्यकों और महिलाओं का दमन करता है और कठोर कानूनों के जरिए उनके सामान्य मानवाधिकारों का भी घोर उल्लंघन करता है.
‘कश्मीरी नागरिकों की रक्षा के लिए भारत कटिबद्ध’
भारत एक लोकतंत्र के रूप में जम्मू और कश्मीर में नागरिकों की किसी भी तरह के आतंकवाद से रक्षा को कटिबद्ध है. हम आतंकवाद को फलने–फूलने नहीं दे सकते और ना देंगे. परमाणु अप्रसार के मामले में धोखे और छल-कपट के रिकॉर्ड से भरा पाकिस्तान आज संयम, त्याग और शांति की बात कर रहा है. आतंकवाद पर पाकिस्तान ने ऐसे ही कई झूठे वादे हमसे किए हैं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से किए हैं. पाकिस्तान के लिए झूठ बोलना बंद करना और धमकियों को लेकर आत्मसंयम बरतना इस समय बेहतर शुरुआत हो सकती है.