आपके हर कदम पर है इनकी पैनी नजर, हेरफेर की तो बच नहीं पाएंगे आप

केंद्र सरकार की सख्त हिदायत के बाद आयकर विभाग पहले से ज्यादा सतर्क और सख्त हो गया है. विभाग अब टैक्स चोरी को रोकने के लिए आपके सभी लेनदेनों पर नजर रखे हुए है. जहां हम महंगी सेवाओं और वस्तुओं को खऱीदते है वहां तो पहले से ही पैन कार्ड की डिटेल देना जरुरी है.

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आपके हर कदम पर है इनकी पैनी नजर, हेरफेर की तो बच नहीं पाएंगे आप

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  • September 20, 2016 9:48 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. केंद्र सरकार की सख्त हिदायत के बाद आयकर विभाग पहले से ज्यादा सतर्क और सख्त हो गया है. विभाग अब टैक्स चोरी को रोकने के लिए आपके सभी लेनदेनों पर नजर रखे हुए है. जहां हम महंगी सेवाओं और वस्तुओं को खऱीदते है वहां तो पहले से ही पैन कार्ड की डिटेल देना जरुरी है. साथ ही कुछ मामलों में विभाग ने कंपनियों को हिदायत दी है कि उपभोक्ता जो बड़ी सेवाओं या वस्तुएं ले रहे हैं, उनकी जानकारी वो टैक्स डिपार्टमेंट को दे.
 
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आइये आपको बताते है कि वो कौन से तरीके हैं जिनसे आयकर विभाग अपनी पैनी नजर उपभोक्ताओं पर रखे हुए है. 
 
1- 10 लाख से अधिक की कार खरीद पर 1 फीसदी लग्जरी टैक्स देना होता है. ये कर कार बेचने वाली कंपनी से वसूला जाता है और एक्स शोरूम प्राइस पर लगाया जाता है.
 
2- अगर आप साल भर में बैंक में 10 लाख से ज्यादा का कैश डिपोजिट करते है, डिमांड ड्राफ्ट बनवाते हैं, या फिर एफडी करवाते है तो बैंक आपकी जानकारी आयकर विभाग को दे देता है. 
 
3- 50 लाख रुपए से अधिक सालाना कमाने पर आपको अपनी संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा आईटीआर के एक नए फॉर्म में अलग से देना होगा है.
 
4- 50 लाख रुपए से अधिक की प्रॉपर्टी खरीदने पर आपको 1 फीसदी टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स यानी टीसीएस चुकाना होगा.
 
5- 10 लाख या इससे अधिक के शेयर्स, डिबेंचर्स या म्यूचुअल फंड्स की लेनदेन की सूचना कंपनियां आयकर विभाग को देती है.
 
6- 30 लाख रुपए से अधिक की चल अचल संपत्ति की खरीद की जानकारी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार विभाग को देगा. 
 
7- 2 लाख रुपए या इससे अधिक की खरीद पर ग्राहक का पैन नंबर देना अनिवार्य है.
 
8- 2 लाख रुपए या इससे अधिक कीनकद खरीद या बिक्री पर भी टीसीएस कटेगा.
 
9- एफडी से होने वाली इनकम सालाना 10 हजार रुपए से अधिक हो तो बैंक इस पर टीडीएस काटता है.
 
10- उपरोक्त के अलावा अग्रलिखित सभी प्रकार के ट्रांजैक्शन पर आपको पैन नंबर देना अनिवार्य है. वाहन की खरीद या बिक्री पर, बैंक या डीमैट अकाउंट खोलने पर, क्रेडिट कार्ड अप्लाई करते समय, 50 हजार से अधिक की एफडी खोलते समय, 50 हजार रुपए से अधिक के इंश्योरेंस पेमेंट पर, विदेशी दौरों, रेस्टॉरेंट या होटलों के 50 हजार से अधिक के बिल में, म्युचूअल फंड्स, डिबेंचर्स, 50 हजार रुपए से अधिक के बॉन्ड् की खरीद पर, 50 हजार या उससे अधिक नकदी बैंक में जमा करवाते समय.
 
 
 

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