भोपाल. देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के अलग-अलग मामले आजकल सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में रविवार को एक नया मामला जुड़ गया है. मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में एक सरकारी अस्पताल में रात भर बिजली न रहने से तीन नवजातों की जान चली गई.
यह हाल उस अस्पताल का है जिसे राज्य के स्वास्थ्य आयुक्त ने 15 दिन पहले क्षेत्र में सबसे बेहतर प्रसव सुविधाएं देने वाला अस्पताल घोषित किया था. इस घटना से एक हफ्ते पहले राज्य के सतना जिले में एक सरकारी अस्पताल के लेबर रूम से कुत्ता एक बच्चे को उठा लेकर गया था.
अस्पताल में रविवार रात सात बजे बिजली चली गई थी. अस्पताल में जनरेटर था लेकिन उसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया इसका जवाब किसी के पास नहीं है. बिजली 11 घंटे बाद सोमवार सुबह 6 बजे आई.
जिस दौरान अस्पताल में लाइट गई थी, तब तीन नवजातों के मरने की अफवाह फैली थी. इसके थोड़ी देर बाद, यह आरोप लगे थे कि आईसीयू मे तीन नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी और अस्पताल के स्टाफ ने उनके मां-बाप को बच्चों का मृत शरीर सौंपा और सुबह होने से पहले जाने के लिए कहा था.
अस्पताल ने लापरवाही से किया इनकार
हालांकि, अस्पताल प्रशासन बिजली जाने की वजह से बच्चों की मौत होने से इनकार कर रहा है. बालाघाट के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि रविवार को जिले के अस्पताल में दो बच्चों की मौत होने की सूचना थी. एक बच्चा मृत पैदा हुआ था और दूसरे को एस्फिजिया नाम की बीमारी थी. उनकी बिजली कटने से मृत्यु नहीं हुई और अस्पताल की तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है.
जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ता अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि प्रशासन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की जाए.