उरी. इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अलर्ट जारी होने के बाद भी उरी में बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें सेना के 17 जवान शहीद हो गए. इस हमले को सेना की बड़ी चूक माना जा रहा है.
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इस घटना की बड़ी वजह यह भी बतायी जा रही है कि हमला उस वक्त हुआ जब सुरक्षा थोड़ी कमजोर रहती है, क्योंकि 5 बजे सुबह के करीब ही गार्ड की ड्यूटी खत्म होती है और दूसरे गार्ड के आने का समय होता है. माना जा रहा है कि इसी का फायदा उठाकर आतंकी तार काट कर हेडक्वॉर्टर में घुसने में सफल रहे.
इस हमले को सेना की चूक इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि 10 सितंबर को भी 3 जगहों पर घुसपैठ की कोशिश की गई थी, जिनमें 4 आतंकी मारे गए थे. 17 अगस्त को भी बारामूला जिले में घुसपैठ की कोशिश हुई थी जिसमें 3 जवान शहीद हो गए थे और तीन घायल हो गए थे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आईबी अलर्ट जारी होने के बावजूद आतंकी अपने कामयाब हो गए?
बता दें कि रविवार की सुबह जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर स्थित आर्मी ब्रिगेड हेडक्वॉर्टर में 4 आतंकी घुसे थे, जिसके बाद सेना की जवाबी कार्रवाई में चारों आतंकियों को मार गिराया गया, वहीं सेना के 17 जवान शहीद हो गए.
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