लखनऊ. उत्तर प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को यूपी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं और शिवपाल यादव यूपी प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार SP की नई व्यवस्था में संगठन का पूरा काम शिवपाल के पास होगा लेकिन टिकटों का बंटवारे का काम अखिलेश के पास होगा. इसके बाद अंतिम फैंसला मुलायम सिंह यादव का होगा.
वहीं अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव को पीडबल्यूडी विभाग छोड़ कर सभी विभाग वापस दे दिए हैं. अखिलेश ने पीडबल्यूडी विभाग अपने पास रखा है. साथ ही गायत्री प्रसाद प्रजापति को भी कैबिनेट में फिर से शामिल किया गया है. इससे पहले शुक्रवार को अखिलेश और शिवपाल के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई थी. उसके बाद मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि पार्टी में कोई मनमुटाव नहीं है. सब लोग एक साथ हैं. उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश भले ही सीएम हैं लेकिन वे उनकी बात को नहीं काटेंगे.
अखिलेश यादव ने कहा कि कोई यह नहीं पूछ रहा कि मुझसे क्या छीना गया है. हर कोई सिर्फ यही पूछ रहा है कि मैं पद वापस करूंगा या नहीं? अखिलेश यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि ‘जो चाहे पद ले लिया जाए लेकिन टिकट बांटने की जिम्मेदारी मेरी ही रहेगी क्योंकि आने वाले चुनावों में परीक्षा मेरी होनी है.
आजम खान ने कहा कि अमर सिंह का व्यवहार साफ तौर पर दर्शाता है कि वह चोर है. क्योंकि जब मुख्यमंत्री ने उनका नाम ही नहीं लिया तो बीच में वह खुद से पड़े है. उनका ये व्यवहार इस बात का प्रमाण है कि चोर की दाढ़ी में तिनका है. मुख्यमंत्री अखिलेश ज़िम्मेदार पद पर हैं वो जो कह रहे हैं सही कह रहे हैं.