नई दिल्ली. लीबिया में ISIS के कब्जे से दो भारतीयों को छुड़ा लिया गया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है. इन दोनों को पिछले साल 29 जुलाई 2015 से ISIS के कब्जे वाले सिर्त शहर में बंधक बनाकर रखा गया था.
सुषमा स्वराज ने आज ट्वीट किया कि- मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि टी गोपालकृष्णा (आंध्र प्रदेश) और सी बलरामकिशन (तेलंगाना) जिन्हें 29 जुलाई, 2015 से लीबिया में बंधक बनाकर रखा गया था को छुड़ा लिया गया है.
लीबिया की सिर्त यूनिवर्सिटी में कार्यरत दोनों भारतीयों का इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने पिछले साल जुलाई में अपहरण कर लिया था. आपको बता दें कि जुलाई 2015 में लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के गृहनगर सिर्त में चार भरतीयों को बंधक बना लिया गया था.
इनमें से कर्नाटक, रायचूर में रहने वाले लक्ष्मीकांत और बेंगलुरु के विजय कुमार को बंधक बनाए जाने के दो दिन बाद ही छोड़ दिया गया था लेकिन, बाकी दोनों को नहीं छोड़ा गया था.
क्या है कठिनाई
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लीबिया में फिलहाल 2000 के आस पास भारतीय रह रहे हैं. भारत सरकार इन लोगों को वापस लाने की कोशिश में लगी हुई है. दिक्कत ये है कि राहत कार्य में लगे भारतीय अधिकारियों को ट्यूनिशिया में रुकना पड़ा है जिसकी वजह से उन्हें लीबिया में रह रहे भारतीयों को चिन्हित करने में कठिनाई हो रही है.
भारतीय विदेश मंत्रालय इस साल जुलाई से ही लीबिया में फंसे भारतीयों के परिवार वालों के साथ संपर्क में है और उनको वापस भारत लाने का प्रयास कर रहा है.