नई दिल्ली. स्वच्छता अभियान को सार्थक बनाने के लिए छत्तीसगढ़ की रहने वाली 105 साल की कुंवर बाई ने बेहतरीन उदाहरण पेश किया है. अब उन्हें स्वच्छता अभियान का शुभंकर (मैस्कट) चुना गया है. कुंवर बाई छत्तीसगढ़ में धमतरी जिले के कोटाभर्री गांव में रहती हैं. उन्होंने बिना किसी सरकारी मदद के अपनी छह बकरियों को 22 हजार रुपये में बेचकर गांव में पहला शौचालय बनवाया था. अपनी उम्र को मात देते हुए उन्होंने इस नई पहल का बीड़ा उठाया. कुंवर बाई से प्रेरणा लेकर गांव के अन्य लोगों ने भी शौचालय बनवाया और जिनके पास कम पैसे थे कुंवर बाई ने मदद भी की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को स्वच्छता दिवस और अपने जन्मदिन के मौके पर कुंवर बाई को दिल्ली में सम्मानित करेंगे. उन्हें स्वच्छता अभियान का शुभंकर बनाने के साथ-साथ दो लाख रुपये की राशि भी दी जाएगी.
कुंवर बाई ने ये शौचालय अपनी बहू और नातिन की परेशानी का देखकर बनाया. कुंवर बाई के दो बेटे थे लेकिन उनकी मौत हो गई. ऐसे दौर में बहू और नातिन के लिए खुले में शौच जाना मुश्किल भरा था. उन्होंने बहू और नातिन को इस मुसीबत से निकालने के लिए ये बड़ा कदम उठाया और 22 हजार रुपये में बकरियां बेचकर गांव का पहला शौचालय बनवाया.
पैर छुए थे नरेंद्र मोदी ने
इससे पहले भी कुंवर बाई को उनकी पहल के लिए सराहा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान कुंवर बाई को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया था और उनके पैर भी छुए थे. सीधी-सादी कुंवर बाई इस सम्मान से बेहद खुश हैं लेकिन कहती हैं कि उन्होंने कभी इस सम्मान के बारे में सोचा भी नहीं था. वह दो लाख की राशि को लेकर चिंतित भी हैं कि कहीं इस राशि को कोई चुरा न ले या उनकी हत्या न हो जाए. साथ ही उन्हें हवाई जहाज में जाने पर भी डर लग रहा है. फिर भी उनका पूरा परिवार इस सम्मान से उत्साहित है और उनके साथ इस अवसर पर भागीदार बनेगा.