नई दिल्ली. दिल्ली में नौकरी की तलाश में आई एक मां आज 11 महीनों से अपने नवजात बच्चे की तलाश कर रही है. उसने जिस पर भरोसा किया उसी ने ही उसके जिगर के टुकड़े को छीन लिया.
ज्योति नाम की महिला मई 2015 में अपनी दोस्त के साथ असम से दिल्ली नौकरी ढूंढने आई थी. ज्योति के मुताबिक उसकी दोस्त उसे शकूर पुर इलाके की एक प्लेसमेंट एजेंसी ले गयी। जहां वो गंगी नाम की महिला से मिली। जिस वक़्त वह गंगी से मिली थी उस वक़्त वो 5 महीने की गर्भवती थी।
जब तीन साल पहले ज्योति दिल्ली आई थी तो गंगी ने ही उसे कम दिलवाया था. लेकिन, इस बार जब वो आई तो गंगी ने उसे अपने एक रिश्तेदार के साथ ये कहकर भेज दिया की उसे जल्द नौकरी दिलवा देगी। लेकिन ज्योति को नौकरी नहीं मिली जिसके बाद अक्टूबर 2015 में ज्योति ने दिल्ली के दीन दयाल अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया।
ज्योति के मुताबिक गंगी 3 दिन बाद अपने रिश्तेदार और दोस्त के साथ अस्पताल आई और उसके बच्चे को जबरन छीन लिया। साथ ही साथ उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करवाकर असम की ट्रेन में ये कहकर भेज दिया की अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो उसके लिये ठीक नहीं होगा।
असम जाने के बाद ज्योति अपने बच्चे के बिना न रह सकी. कुछ दिनों बाद ये बैचैनी इतनी बढ़ गयी की 9 सितंबर 2016 को वो असम से दिल्ली अपने बच्चे को गंगी से वापस लेने पहुंच गयी. दिल्ली आने पर ज्योति एक ऑटो चालक की मदद से रोहिणी कोर्ट पहुंची जहां उसकी मुलाकात कामाक्षी नाम की वकील से हुई। ज्योति ने अपनी आप बीती कामाक्षी को बताई। जिसके बाद कामाक्षी ज्योति को लेकर नेताजी सुभाष पैलेस पुलिस स्टेशन पहुंची और मामला दर्ज करवाया।
कामाक्षी की मानें तो पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद गंगी को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जिसमे उसने ये कबूल भी किया की उसने ज्योति का बच्चा किसी को बेच दिया है. इसके एवज में में उसे 35000 रूपए भी मिले थे। अब पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.