पटना/ जमशेदपुर. जेल में 11 साल बिताने के बाद जमानत पर छूटकर निकले आरजेडी नेता और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने यह कहकर बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के रिश्तों की गांठ एक बार फिर खोल दी कि उनके नेता लालू यादव हैं जबकि नीतीश कुमार को हालात ने नेता बनाया. शहाबुद्दीन पर 40 से ज्यादा हत्या, अपहरण जैसे गंभीर क्रिमिनल केस चल रहे हैं.
जेल से निकलने के बाद चार बार सांसद रह चुके शहाबुद्दीन ने कहा, “नीतीश कुमार हालात के नेता हैं. मेरे नेता लालू यादव हैं.” शहाबुद्दीन तब जेल गए थे जब नीतीश कुमार की सरकार ने 2005 में सिवान में उनके खिलाफ कड़ा और बड़ा अभियान छेड़ दिया था. तब लालू और नीतीश एक-दूसरे के कट्टर विरोधी थे. नीतीश उस समय बीजेपी के साथ सरकार चला रहे थे.
शहाबुद्दीन के इस बयान को एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने झारखंड के जमशेदपुर गए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हल्के में उड़ाते हुए कहा, “शहाबुद्दीन के बयान पर मैं क्या कह सकता हूं. ये मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है.”
शहाबुद्दीन के जेल से छूटने पर बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करके कहा कि अब नीतीश के एक तरफ भ्रष्टाचार के प्रतीक लालू यादव होंगे तो दूसरी तरफ आतंक का प्रतीक शहाबुद्दीन. इसके जवाब में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सवाल उछाला कि जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को जमानत मिली थी तो क्या किसी ने बीजेपी के नेताओं पर सवाल उठाया था.
नीतीश कुमार पर शहाबुद्दीन के बयान को लेकर तेजस्वी ने कहा कि ये उनका निजी विचार है. जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि शहाबुद्दीन गठबंधन की एक पार्टी आरजेडी के नेता हैं और इस पर वो कुछ नहीं बोलेंगे. हालांकि त्यागी ने भी ये कहा कि वो जमानत पर छूटे हैं और हमें न्यायालय के फैसले पर सवाल नहीं उठाना चाहिए.