प्रदूषण से भारत में एक साल के अंदर गईं 14 लाख जानें

भारत में प्रदूषण कम करने को लिए लंबे समय चर्चा चल रही है. गाड़ियों से लेकर निर्माण स्थलों पर कई तरह के प्रतिबंध लगे हैं. अब​ विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के आंकड़ों से वायु प्रदूषण पर​ नियंत्रण की जरूरत और बढ़ गई है.

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प्रदूषण से भारत में एक साल के अंदर गईं 14 लाख जानें

Admin

  • September 9, 2016 8:03 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. भारत में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है. गाड़ियों से लेकर निर्माण स्थलों पर कई तरह के प्रतिबंध लगे हैं. अब​ विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों से वायु प्रदूषण पर​ नियंत्रण की जरूरत और बढ़ गई है. 
 
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इस रिपोर्ट से पता चलता है कि साल 2013 में भारत में वायु प्रदूषण के कारण 14 लाख लोगों की जान चली गई. चीन में प्रदूषण के चलते होने वाली मौतों का आंकड़ा 16 लाख तक है. विश्व बैंक और इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन ने बृहस्पतिवार को जारी अपनी रिपोर्ट में ये आंकड़े दिए हैं. 
 
रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषण से हुई कुल मौतों में से 60 फीसदी सिर्फ भारत और चीन में ही हुई हैं. भारत को इसमें चौथा और चीन को छठा स्थान दिया गया है. इनके अलावा बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान भी उन देशों में शामिल हैं, जहां प्रदूषण से सबसे ज्यादा मौतों हुई हैं.
 
बांग्लादेश को 11वां और श्रीलंका को 12वां और पाकिस्तान को 15वां स्थान मिला है. साल 2003 में जोर्जिया में प्रदूषण के कारण सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं. यहां मरने वालों का आंकड़ा 2117 प्रति मिलियन था. इसके बाद कंबोडिया का नंबर हैं, जहां 1300 प्रति मिलियन मौते हुई हैं. विश्व बैंक ने 142 देशों में ये आंकड़े जुटाए हैं. 
 
वायु प्रदूषण के कारण व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों का कैंसर, दिल की बीमारी और अन्य गंभीर रोग होने का खतरा होता है. साथ ही बीमारी के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ता है.

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