लाहौर. 2008 के मुंबई हमलों से जुड़ी एक सुनवाई में पाकिस्तान के एक आतंकवाद निरोधी कोर्ट ने लश्कर कमांडर जकीउर रहमान लखवी समेत 2008 मुंबई हमले के 7 आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी किया है.
मुंबई हमलों के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने बोट का इस्तेमाल किया था. पाकिस्तान की अदालत इस बोट की जांच के लिए इजाजत मांगी गई थी. इसी सुनवाई के दौरान अदालत ने पाकिस्तान सरकार के साथ साथ लखवी समेत 7 आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी किया.
सुनवाई के बाद अदालत के एक अधिकारी ने बताया, ‘इस्लामाबाद की आतंकवाद-निरोधी अदालत ने रावलपिंडी के आदियाला जेल में मुंबई मामले की सुनवाई करते हुए सातों आरोपियों तथा अभियोजन को नोटिस जारी किया. उन्होंने कहा कि अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों के वकील 22 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई में अपना पक्ष रखेंगे.
पाकिस्तानी अधिकारियों के कब्जे में अल-फौज नाव अभी कराची में है. आरोप है कि मुंबई हमले के दौरान इनका इस्तेमाल किया गया था. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने मुंबई हमले के मामले में अल-फौज की जांच के लिए आयोग को कराची नहीं जाने देने के निचली अदालत के फैसले को पिछले महीने खारिज कर दिया था. हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को दोषपूर्ण और कानून के मुताबिक नहीं बताया और अल-फौज के जांच की अनुमति दे दी.
हमले का मास्टरमांइड लखवी करीब एक साल पहले जेल से रिहा हो चुका है. लखवी अब किसी अज्ञात जगह पर रह रहा है. बाकी के छह आरोपी रावलपिंडी के अदियाला जेल में बंद है.
आतंकी कसाब ने दिए अपने बयान में आतंक के मास्टमाइंड लखवी का नाम लिया था. कसाब ने कहा था कि लखवी ने उसे हमले के लिए उकसाया था. जिसके बाद से ही भारत लगातार लखवी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है.
पाकिस्तान में इस मामले की सुनवाई को शुरु हुए छह साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है. भारत ने निचली अदालत में बयान दर्ज कराने के लिए अब तक वहां 24 गवाह नहीं भेजे हैं जिस वजह से अदालत की कार्यवाही रूकी हुई है.
पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने नवंबर 2008 में मुंबई में घुसकर नरसंहार को अंजाम दिया था. जवाबी कार्रवाई में 9 आतंकवादियों को मार गिराया गया था और एक को जिंदा पकड़ लिया गया था, जिसे बाद में कानूनी प्रक्रिया के तहत फांसी पर लटका दिया गया था.
लखवी अब किसी अज्ञात जगह पर रह रहा है. बाकी के छह आरोपी रावलपिंडी के अदियाला जेल में बंद है.