नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज देने की घोषणा कर दी है. इस पैकेज के तहत राज्य को वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिसमें पोल्लावरम सिंचाई परियोजना का पूरा खर्च उठाना और कर रियायतें देना शामिल है.
कई घंटों के विचार-विमर्श और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडु से परामर्श के बाद बुधवार देर रात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी घोषणा की है. यह पैकेज पांच साल के लिए साल 2015 से 2020 तक वैध रहेगा.
अरुण जेटली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जुलाई 2014 में तेलंगाना के अलग राज्य बनने के कारण आर्थिक नुकसान झेलने वाले आंध्र प्रदेश को एक रेलवे जोन मिलेगा और केंद्र पोल्लावरम परियोजना के सिंचाई संबंधी हिस्से का सारा खर्चा वहन करेगा. यह खर्चा उस तारीख से उठाया जाएगा जब एक 1 अप्रैल, 2014 को इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था. यह परियोजना राज्य सरकार लागू करेगी.
हालांकि, अभी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया है. वित्त मंत्री ने आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा दिए जाने को लेकर 14वें वित्त आयोग द्वारा पेश की गई बाधाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा मिलने की स्थिति में दी जाने वाली रकम के बराबर राशि की सहायता दी जाएगी.
आंध्र प्रदेश के विभाजन में हैदराबाद तेलंगाना के पास चले जाने के बाद से ही राज्य सरकार विशेष दर्जा दिए जाने की मांग कर रही है. हैदराबाद में कई आईटी और फार्मास्यूटीकल कंपनियां व पीएसयू हैं, जिनके राज्य में न रहने से उसे काफी आर्थिक नुकसान हुआ है.
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के लिए वित्तीय पैकेज का स्वागत किया है. लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि अगर केंद्र ने राज्य को विशेष दर्जा दिया होता, तो वह और खुश होते. तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं.