नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को 10 दिन के लिए तमिलनाडु को 15 हजार क्यूसिक पानी छोड़ने का आदेश दिया है कि वह किसानों की परेशानी दूर करने के लिए आज से 10 दिन तक हर रोज कावेरी नदी का 15000 क्यूसेक पानी तमिलनाडु के लिए छोड़ें. कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से कहा है कि वो निगरानी कमेटी के पास जाएं और कमेटी दस दिन के भीतर फैसला ले.
कर्नाटक ने सोमवार को कहा कि वो 10 हजार क्यूसिक पानी देने को तैयार है लेकिन तमिनाडु ने कहा कि उसे 20 हजार क्यूसिक पानी चाहिए वरना फसल खराब हो जाएगी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश जारी किए. मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.
कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी जल विवाद को लेकर पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था सब जगह पानी पानी है, लेकिन पीने को बूंद नहीं है. कर्नाटक जिए और दूसरों को जीने दे. ट्रिब्यनल के आदेश का पालन करना होगा. सोमवार को कर्नाटक सरकार सुप्रीम कोर्ट को बतायेगा कि वो तमिलनाडू को कितना पानी दे सकता है.
तमिलनाडु ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस साल उसे सिर्फ 33 टीएमसी पानी मिल है, जबकि हर साल उसे 94 टीएमसी पानी मिलता था. सूखे की हालत होने पर भी कम से कम 68 टीएमसी पानी मिलना चाहिए. दरअसल तमिलनाडु में पानी की कमी की वजह से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और इसी को लेकर तमिलनाडु सरकार ने कर्नाटक से 50 TMC पानी देने के आदेश जारी करने की याचिका दी है.