श्रीनगर. गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्वव में श्रीनगर पहुंचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को विरोध का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं सैयद अली शाह गिलानी सहित अलगाववादी नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल डी.राजा, औवेसी और शरद यादव से मिलने तक से इनकार कर दिया.
अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुख ने कहा कि इन हालात में किसी भी नेता से बात करने का कोई फायदा नहीं है. हालांकि आसुद्दीन ओवेसी कुछ मिनट की मुलाकात में मीरवाइज को समझाने की कोशिश की लेकिन वह टस से मस नहीं हुए.
वहीं दूसरी ओर प्रतिनिधिमंडल में शामिल सीपीआईएम के महासचिव और राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी, जेडीयू के नेता शरद यादव, डी. जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेता यासिन मलिक से बात करने पहुंचे लेकिन वहां भी बात नहीं बन पाई.
हालांकि शरद यादव का कहना था कि यासीन मलिक से ठीक मुलाकात हुई वह दिल्ली आकर बात करना चाहते हैं. इसके बाद प्रतिनिधिमंडल हैदरपुरा इलाके में घर में नजरबंद हुर्रियत के चरमपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी से मिलने पहुंचा. लेकिन किसी को भी घर में घुसने की इजाजत नहीं दी गई.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सभी अलगावादी नेताओं को प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के लिए न्योता भेजा था. जिसे पहले ही अस्वीकार कर दिया गया था.
गौरतलब है कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वाय बन चुके बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर में दो महीने से हिंसा और प्रदर्शन का दौर जारी है. जिसमें कई लोग मारे जा चुके हैं. हालात को नियंत्रण में लेने के लिए सुरक्षाबलों को फायरिंग और पैलेट गन का इस्तेमाल करना पड़ा लेकिन अभी तक हिंसा पर लगाम नहीं लगा सकी है.
इस मामले को संसद में भी जोर-शोर से उठाया गया था. उसके बाद ही सरकार ने सर्वदलीय प्रतनिधिमंडल भेजने का फैसला किया ताकि कश्मीर घाटी के लोगों से बातचीत की जा सके. जिसकी बैठक कल ही यानी शनिवार को दिल्ली में हुई थी.