नई दिल्ली. भारत ने पाकिस्तान और चीन से लगी सरहद पर घुसपैठ को नाकाम करने के लिए अमेरिका से प्रीडेटर XP सर्विलांस ड्रोन खरीदने की तैयारी कर ली है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अमेरिका यात्रा के दौरान प्रीडेटर ड्रोन खरीदने पर अंतिम मुहर लग सकती है.
प्रीडेटर क्यों है खास?
इस ड्रोन की खासियत यह है कि यह 35 घंटे तक आसमान में चक्कर लगा सकता है. यह लेजर और मिसाइल से लैस है. इसे 7,500 मील दूर से ऑपरेट किया जा सकता है. इसकी लंबाई 36 फीट तक होती है और इसके विंगस्पैन 66 फीट होती है. विमान 350 किलो भार ले जाने में सक्षम है.
इसमें लगे कैमरे, इंफ्रारेंड सेंसर, राडार वीडियो और स्टिल इमेज लेते हैं. कुछ क्षेत्र जिनका इस्तेमाल मुख्यत: सर्विलांस के लिए भी करते हैं. इस डील को देखते हुए कहा जा रहा है कि चीन हिंद महासागर क्षेत्र में लगातार जहाजों और पनडुब्बियों की मौजूदगी बढ़ा रहा है.
कई कारनामें दर्ज है प्रीडेटर ड्रोन के नाम
प्रीडेटर ड्रोन का इस्तेमाल अमेरिका अफगानिस्तान में कर रहा है. तालिबान प्रमुख बैतुल्ला महसूद भी प्रीडेटर ड्रोन हमले में ही मारा गया था. बैतुल्ला पर हवाई हमला किया गया था, लेकिन इस हमले की ट्राजेक्टरी और लक्ष्यभेदी कारस्तानी हजारों मील दूर अमेरिकी मिलिट्री बेस से संचालित हो रही थी. अमेरिका खासतौर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अलकायदा और तालिबानी आतंकवादियों को खोजने और उन्हें समाप्त करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है.